पाठ से

1) पाठ से

क) किसान को बादलों का इंतज़ार क्यों रहता है?
: भारत में कृषि के लिए मानसून की बारिश का अत्यधिक महत्व है । समय पर वर्षा नहीं होने से किसानों को बहुत नुकसान होता है । अगर बारिश नहीं होगी तो तेज गर्मी से उसके खेत जल जाएँगे। अपनी खेती की अच्छी उपज के लिए वह बारिश पर निर्भर रहता है इसलिए उसे बादलों का इंतजार रहता है।

ख)  कवि को वर्षा होने पर किसान की याद क्यों आती है?
: कवि को लगता है कि वर्षा के आने का इंतजार यदि किसी को सबसे अधिक रहता है तो वह किसान है । उन्हें लगता है कि वर्षा के शुरू होने से यदि कोई सबसे अधिक क्रियाशील होता है तो वह किसान है । इसलिए कवि को वर्षा होने पर किसान की याद आती है।

(ग) कवि ने किसान की तुलना चातक पक्षी से क्यों की है?
उ:
चातक पक्षी के बारे में माना जाता है कि वह केवल स्वाती नक्षत्र में होने वाली वर्षा का जल पीता है । इसलिए सदा बादलों की ओर एकटक निहारते रहता है । किसान भी उसी तरह बादलों को देखता रहता है । इसलिए कवि ने किसान की तुलना चातक पक्षी से की है।

2) पाठ से

क) कवि ने कविता में वर्षा ऋतु का वर्णन किया है। वर्षा ऋतु के बाद कौन-सी ऋतु आती है? उसके बारे में अपना अनुभव बताओ।
उ: वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु आती है । शरद ऋतु में मौसम बड़ा सुहावना रहता है । इस समय न ज्यादा गर्मी होती है न ज्यादा ठंड । इस मौसम में घूमने-फिरने तथा खाने-पीने का मजा आता है। गर्मी वाली बेचैनी भी महसूस नहीं होती है और न सर्दी की तरह ऊनी कपड़ों का बोझ झेलना पड़ता है।

ग) वर्षा ऋतु से पहले लोग क्या-क्या तैयारियाँ करते है? उनमें से कुछ लोगों के बारे में जानकारी एकत्र कर सूची बनाओ ।
उ: वर्षा ऋतु से के पहले घर की साफ सफाई की जाती है ।  अगर छत पर कोई मरम्मत का काम है तो वह करते हैं । मकान में कहीं दरार हो तो वह भी ठीक करवा लेते हैं। अनाजों में कीड़ा न लगे इसलिए उसमें दवाई डालते हैं। नालियों से कचरा और मिट्टी निकाल कर उन्हें साफ किया जाता है, ताकि बारिश के पानी के बहाव में रुकावट न आए । गर्मी में इस्तेमाल किए गए कूलर साफ करके रखते हैं, ताकि उनमें जर ना लगे और उनके भीतर जमा पानी में मच्छर न पनपे । अन्यथा डेंगू, मलेरिया जैसी बीमारियाँ होने का खतरा रहता है । निचले इलाकों में जहाँ बाढ़ आने की संभावना रहती है वहाँ उचित उपाय किए जाते हैं । बारिश में मछली और काफी चीजें नहीं मिलती तो लोग उन्हें गर्मी में सुखाकर रखते हैं ताकि बारिश के समय उन्हें मुश्किल ना हो।

3) पहला दिन : विद्यार्थी स्वयं करें

4) सोचो समझो और बताओ

क्या होगा–

क) अगर वर्षा बिलकुल ही न हो।
: अगर वर्षा बिल्कुल न हो तो सूखा पड़ जाएगा, अकाल पड़ जाएगा नदियां तालाब सूख जाएँगे खेती ना होगी अनाज नहीं उगेगा इस कारण इंसान और पशु भूख प्यास से मर जाएँगे।

ख) अगर वर्षा बहुत अधिक हो।
उ: अगर वर्षा बहुत अधिक हो तो बाढ़ आ सकती है । बाँध और नदियाँ ऊफन कर बहेंगी । गाँव के गाँव बाढ़ की चपेट में आ सकते हैं । इससे जान और माल का काफी नुकसान होगा । कई बीमारियाँ फैल सकती हैं।

ग) अगर वर्षा बहुत ही कम हो।
उ: अगर वर्षा बहुत कम हो तो इसका सीधा प्रभाव कृषि क्षेत्र पर होगा । फसल अपर्याप्त होगी । पर्यावरण का संतुलन बिगड़ जाएगा । बहुत गर्मी हो सकती है और पानी की किल्लत से सब परेशान होंगे।

घ) वर्षा हो मगर आँधी-तूफ़ान के साथ हो।
उ: वर्षा अगर आँधी-तूफान के साथ होगी तो बहुत ही ज्यादा नुकसान होने की संभावना रहती है । पेड़ जड़ समेत उखड़ सकते हैं, घर बर्बाद हो सकते हैं, बिजली के खंभे टूट सकते हैं, अन्य लोगों से संपर्क टूट सकता है और जानमाल का काफी नुकसान हो सकता है।

ड) वर्षा हो मगर तुम्हारे स्कूल में छुट्टियाँ हों।
उ: अगर वर्षा हो मगर स्कूल की छुट्टियाँ हो तो मजा आ जाएगा । बारिश में उपयुक्त होकर नहाएँगे, कॉपी किताबें बसते से भीगने का डर नहीं रहेगा । कागज की नाव बनाकर खेलेंगे तथा मित्रों के साथ खूब मजे करेंगे।

5) कल्पना की बात

कवि अपनी कल्पना से शब्दों के हेर-फेर द्वारा कुछ चीज़ों के बारे में ऐसी बातें कह देता है, जिसे पढ़कर बहुत अच्छा लगता है। तुम भी अपनी कल्पना से किसी चीज़ के बारे में जैसी भी बात बताना चाहो, बता सकते हो। हाँ, ध्यान रहे कि उन बातों से किसी को कोई नुकसान न हो। शब्दों के फेर-बदल में तुम पूरी तरह से स्वतंत्र हो।
उ: मैं छुट्टी के दिन अपने परिवार के साथ एक पहाड़ पर गया था । वहाँ का मनोरम दृश्य देखकर मैं आत्मविभोर हो गया । ऐसा लग रहा था मानो आसमान ने उसकी चादर ओढ़ ली हो और प्रकृति ने अपने आप को हरी साड़ी में लपेट लिया हो । पत्तों पर ओस की बूंदें मोती जैसे चमक रही थी । जी कर रहा था उस दृश्य को समेट कर अपनी मुट्ठी में सहज लूँ ।

6) तुम्हारा कवि और सबकी कविता

तुमने इस कविता में एक कवि, जिसने इस कविता को लिखा है, उसके बारे में जाना और इसी कविता में एक कवि कालिदास के बारे में भी जाना। अब तुम बताओ–

(क) तुम्हारे प्रदेश और तुम्हारी मातृभाषा में तुम्हारी पसंद के कवि कौन-कौन हैं?
उ: कबीरदास, सूरदास, मीरा, महादेवी वर्मा, सुमित्रा नंदन पंत, मैथिलीशरण गुप्त और हरिवंशराय बच्चन पसंद है।

ख) उनमें से किसी एक कवि की कोई सुंदर-सी कविता, जो तुम्हें पसंद हो, को हिंदी में अनुवाद कर अपने साथियों को दिखाओ।
उ: कबीरदास जी एक रहस्यवादी कवि थे । उनका भक्ति आंदोलन पर गहरा प्रभाव पड़ा । उनकी प्रमुख रचनाएँ बीजक, साखी ग्रंथ, कबीर ग्रंथावी और अनुराग सागर है । वह एक निडर समाज सुधारक थे । उनके दोहे बहुत ज्ञानवर्धक और प्रचलित हैं ।

 कबीर के दोहे:  माला फेरत जुग भया,

फिरा न मन का फेर ।

कर का मनका डार दे,

मन का मनका फेर ।।

 भावार्थ :  कोई व्यक्ति लंबे समय तक हाथ में लेकर मोती की माला तो घूमाता है पर उसके मन का भाव नहीं बदलता । कबीर की ऐसे व्यक्ति को सलाह है कि हाथ की इस माला को फेरना छोड़कर मन की मोतियों को फेरो।

7) नमूने के अनुसार

नीचे शब्दों के बदलते रूप को दर्शाने वाला नमूना दिया गया है। उसे देखो और अपनी सुविधानुसार तुम भी दिए गए शब्दों को बदलो।

नमूना:–  गिरना –गिराना –गिरवाना

क्रिया                           प्रथम प्रेरणार्थक                     द्वितीय प्रेरणार्थक

1) उठना                              उठाना                                    उठवाना

2) पढ़ना                             पढ़ाना                                     पढ़वाना

3) करना                            कराना                                    करवाना

4) फहरना                         फहराना                                  फहरवाना

5) सुनना                           सुनाना                                   सुनवाना

6) जीत                             जिताना                                 जितवाना

7) समझ                           समझाना                              समझवाना

8) लेटना                          लिटाना                                  लिटवाना

9) चलना                          चलाना                                   चलवाना

10) धोना                          धुलाना                                  धुलवाना

11) गिरना                        गिराना                                  गिरवाना

12) डोलना                        डुलना                                    डुलवाना

13) देखना                       दिखाना                                  दिखवाना

14) हँसना                        हँसाना                                    हँसवाना

15) चमकना                   चमकाना                                चमकवाना