1) पाठ से
क) गुड़ियों का संग्रह करने में केशव शंकर पिल्लै को कौन-कौन सी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा?
उ: केशव शंकर पिल्लै बच्चों से बहुत प्रेम करते थे । उन्होंने सारी दुनिया घूमकर विभिन्न देशों से भाँति-भाँति की रंग-बिरंगी गुड़ियों का संग्रह किया । पहले वे अपने गुड़ियों के संग्रह को जगह-जगह ले जाकर प्रदर्शनी लगाते थे । लेकिन जब संख्या ज्यादा हो गई तो मुश्किल होने लगी । ऐसे में कीमती गुड़ियों का खराब होने का खतरा था । इसलिए पिल्लै ने स्थाई संग्रहालय बनाने की योजना बनाई।
ख) वे बाल चित्रकला प्रतियोगति क्यों करना चाहते थे?
उ: केशव पिल्लै के मन में बच्चों के प्रति प्रेम था । उनका मानना था कि बच्चे कई उपेक्षित न रह जाए, इसलिए उनकी भलाई और खुशी के लिए उन्होंने बाल चित्रकला प्रतियोगिता करवानी शुरू की। इसके द्वारा सिर्फ भारत के ही बच्चों को नहीं अपितु पूरे विश्व के कई देशों के बच्चों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए विश्वव्यापी मंच मिला । इस प्रतियोगिता के माध्यम से वे संसार भर के बच्चों को निकट लाकर एक दूसरे के संस्कृति और वेशभूषा से अवगत कराना चाहते थे।
ग) केशव शंकर पिल्लै ने बच्चों के लिए विश्वभर की चुनी हुई गुड़ियों का संग्रह क्यों किया?
उ: केशव शंकर पिल्लै ने बच्चों के लिए विश्वभर की चुनी हुई गुड़ियों का संग्रह इसलिए किया ताकि बच्चे देश-विदेश और भारत के सभी राज्यों की गुड़ियाँ एक जगह देख सकें । इनके माध्यम से बच्चे भारत के हर राज्य के और विदेशों के रहन-सहन, तौर-तरीकों, फैशन, वेशभूषाओं तथा रीति-रिवाजों से परिचित हो सकते हैं और बच्चों का मनोरंजन भी हो।
घ) केशव शंकर पिल्लै हर वर्ष छुट्टियों में कैंप लगाकर सारे भारत के बच्चों को एक जगह मिलने का अवसर देकर क्या करना चाहते थे?
उ: केशव शंकर पिल्लै छुट्टियों में कैंप लगाकर सारे भारत के बच्चों को एक जगह मिलने का अवसर देना चाहते थे क्योंकि इससे अलग-अलग राज्यों से आए बच्चे एक दूसरे के राज्य के बारे में काफी जानकारियाँ प्राप्त कर सकते थे । इससे बच्चों में विविधता में एकता का भाव दृढ़ होता । बच्चों में सहन शक्ति का विकास होता है।
2) तरह-तरह के
केशव ने कार्टून बनाना, गुड़ियों व पुस्तकों का संग्रह करना, पत्रिका में लिखना व पत्रिका निकालना, बाल चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन व बच्चों का सम्मेलन कराना जैसे तरह-तरह के काम किए। उनको किसी एक काम के लिए भी तरह-तरह के काम करने पड़े होंगे। अब बताओ कि–
(क) कार्टून बनाने के लिए उन्हें कौन-कौन से काम करने पड़े होंगे?
उ: कार्टून बनाने के लिए उन्होंने पहले चित्रकला में अभ्यास कर निपुणता प्राप्त की होगी । कार्टूनिस्ट अक्सर राजनेताओं के कार्टून बनाते हैं । हर नेता का कार्टून बनाने का अभ्यास किया होगा, उनके चेहरे के भाव, भंगिमा का सूक्ष्मता से अध्ययन किया होगा । उन्होंने अपने आप को ताजा खबरों तथा ज्वलंत मुद्दों पर गहन नजर रखी होगी।
(ख) बच्चों के लिए बाल चित्रकला प्रतियोगिता कराने के लिए क्या-क्या करना पड़ा होगा?
उ: बच्चों के लिए बाल चित्रकला प्रतियोगिता कराने के लिए केशव शंकर पिल्लै को काफी तैयारी और मेहनत करनी पड़ी होगी । प्रतियोगिता का प्रचार-प्रसार किया होगा, जिससे अधिक से अधिक बच्चे देश विदेश से भाग ले सकें । किसी बड़े या भव्य स्थान का चयन किया होगा जहाँ पर सुचारु रुप से प्रतियोगिता का आयोजन किया जा सके । पुरस्कार वितरण के लिए पुरस्कारों का प्रबंध भी किया होगा।
(ग) केशव शंकर पिल्लै की तरह कुछ और भी लोग हुए हैं जिन्होंने तरह-तरह के काम करके काफी नाम कमाया। तुम्हारी पसंद के वो कौन-कौन लोग हो सकते हैं? तुम उनमें से कुछ के नाम लिखो और उन्होंने जो कुछ विशेष काम किए हैं उनके नाम के आगे उसका भी उल्लेख करो।
उ: व्यक्ति – काम
1) मदर टेरेसा – समाज सेवा
2) चंद्रशेखर आजाद – वीर क्रांतिकारी
3) लता मंगेशकर – विख्यात गायिका
4) आर के लक्ष्मण – कार्टूनिस्ट
3) घर
तुमने इस पाठ में गुड़ियाघर के बारे में पढ़ा। पता करो कि ‘चिड़ियाघर’, ‘सिनेमाघर’ और ‘किताबघर’ कौन और क्यों बनवाता है? तुम इनमें से अपनी पसंद के किसी एक घर के बारे में बताओ जहाँ तुम्हें जाना बेहद पसंद हो।
उ: i) चिड़ियाघर – यह सरकार बनाती है। यहाँ विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी सुरक्षित रखे जाते हैं । ii) किताबघर – यह सरकार तथा निजी संस्थाएँ भी बनाती हैं ।
iii) सिनेमाघर – सरकार की अनुमति से कोई भी बना सकता है ।
मुझे चिड़ियाघर जाना बेहद पसंद है क्योंकि यहाँ पर हम विभिन्न प्रकार के पशु-पक्षी देख सकते हैं। जो सामान्यता: दुर्लभ हैं । इनको पास से देखने का आनंद ही कुछ और है । इनसे हमारा मनोरंजन भी होता है।
4) संग्रह की चीज़ें
आमतौर पर लोग अपनी मनपसंद, महत्वपूर्ण और आवश्यक चीज़ों का संग्रह करते हैं। नीचे कुछ चीज़ों के नाम दिए गए हैं। जैसे-
(क) डाक-टिकट
(ख) पुराने सिक्के
(ग) गुड़िया
(घ) महत्वपूर्ण पुस्तकें
(ङ) चित्र
(च) महत्वपूर्ण व्यक्तियों के हस्तलेख
इसके अतिरिक्त भी तुम्हारे आसपास कुछ चीज़ें होती हैं जिसे लोग बेकार या अनुपयोगी समझकर कूड़ेदान या अन्य उपयुक्त जगह पर रख या फेंक देते हैं।(इनके उत्तर के लिए तुम बड़ों की सहायता ले सकते हो।)
(क) तुम पता करो यदि उसका भी कोई संग्रह करता है तो क्यों?
उ: कुछ तस्वीरें, मूर्तियाँ, पुराने बर्तनों को लोग अनुपयोगी समझकर कूड़ेदान या अन्य जगह पर रख या फेंक देते हैं यह सब पुरातत्व संग्रहालय में काम आ जाते हैं।
(ख) उसका संग्रह करने वालों को क्या परेशानियाँ होती होंगी?
उ: उनको संग्रह करने में, उसे इकट्ठा करके रखना व उनकी सम्भाल करना कठिन होता है। इसके लिए एक पूरा स्थान चाहिए, जिसका बंदोबस्त करना कठिन होता है।
5) लड़ाई भी खेल जैसी
“अनेक देशों के बच्चों की यह फ़ौज अलग-अलग भाषा, वेशभूषा में होकर बी एक जैसी ही है। कई देशों के बच्चों को इकट्ठा कर दो, वे खेलेंगे या लड़ेंगे और यह लड़ाई भी खेल जैसी ही होगी। वे रंग, भाषा या जाति पर कभी नहीं लड़ेंगे।”
ऊपर के वाक्यों को पढ़ो और बताओ कि–
(क) यह कब, किसने, किसमें और क्यों लिखा?
उ: यह 1950 के ‘शंकर्स वीकली’ के बाल विशेषांक में श्री जवाहरलाल नेहरू ने लिखा था क्योंकि ऐसी प्रतियोगिता से देश-विदेश के बच्चे आपस में मिलकर एक दूसरे के बारे में बहुत कुछ जान सकते हैं।
(ख) क्या लड़ाई भी खेल जैसी हो सकती है? अगर हो तो कैसे और उस खेल में तुम्हारे विचार से क्या-क्या हो सकता है?
उ: लड़ाई भी खेल जैसी हो सकती है। बच्चे अबोध होते हैं। जब वे लड़ेंगे तो भी खेल जैसा लगेगा । अगर ऐसा खेल हो तो उसके नियम भी होंगे जिन्हें सबको मानना पड़ेगा। इस वजह से सब एक दूसरे से एक सीमित दायरे में रहकर बेहतरीन प्रदर्शन करेंगे।
6) सुबह से शाम
केशव शंकर पिल्लै बच्चों के लिए सुबह से शाम तक काम में लगे रहते थे । तुम सुबह से शाम कौन-कौन से काम करना चाहोगे ? नीचे उपयुक्त जगह में अपनी पसंद के काम को भी लिखो और ✓ सही का निशान लगाओ । तुम उसका कारण भी बताओ ।
क्रम सं. | काम का नाम | ✓ या X | कारण |
1 | खेलना | ✓ | शरीर को व्यायाम की भी आवश्यकता होती है |
2 | पढ़ना | ✓ | जीवन में सफलता के लिए पढ़ाई जरूरी है। |
3 | चित्रकारी करना | ✓ | मन मस्तिष्क को विश्राम मिलता है |
4 | घर का काम | ✓ | बड़ों की मदद कर खुशी मिलती है। |