पाठ से

1) पाठ से

क) कविता में फ़र्श पर कौन-कौन और क्या-क्या करते हैं?
उ:
फ़र्श पर चिड़िया तिनके बिखेर देती है। हवा धूल बिखेर देती है। सूरज धूप बिखेरता है। मुन्ना दूध की कटोरी उलट देता है। मम्मी दाल चावल के बिने दाने बिखेर देती है और पापा जूते बिखेर देते हैं। महरी फर्श की साफ सफाई करती है।

ख) फ़र्श पर सभी के द्वारा कुछ न कुछ काम करने की बात कविता में हुई है, मगर महरी के काम को ही कविता लिखना क्यों कहा गया है?
: फर्श पर अधिकतर लोग कुछ ना कुछ गंदगी फैलाते हैं। लेकिन महरी उस गंदगी को साफ करती है। ऐसा करके महरी हमारे लिए एक साफ-सुथरी ताजा तरीन फ़र्श देकर जाती है ताकि हम उस पर तरह-तरह के क्रियाकल्प कर सके। ऐसा कर हम उस पर एक और दिन जी लेते हैं जिसमें कुछ न कुछ नया घटित होता है। इसलिए महरी के काम को कविता लिखना कहा गया है।

2) तुम्हारी बात

क) तुम अगर मुन्ना की जगह रहो तो क्या करोगे और क्यों?
उ:
अगर मैं मुन्ना की जगह रहूँगा तो फर्श पर खिलौनों से खेलूँगा। मैं फर्श पर बैठकर ही भोजन करना पसंद करूँगा। मेरा खेल पूरा होने के बाद मैं सारे खिलौने फ़र्श से उठाकर उनकी जगह पर रखूँगा।

(ख) मम्मी और महरी के काम में तुम्हें जो कुछ समानता और असमानता नज़र आती है, उसे अपने ढंग से बताओ।
: मम्मी फर्श पर बैठकर दाल चावल बीनती है ताकि दाल-चावल साफ हो सके। महरी गंदे फर्श को साफ करती है, यह दोनों के कामों में समानता है। लेकिन मम्मी दाल-चावल तो साफ करती है परंतु फर्श पर दाल-चावल से निकला कचरा फेंक कर फ़र्श गंदा कर देती है। महरी फर्श पर गंदगी नहीं फैलाती है। यह उन दोनों के कामों में असमानता है।

(ग) तुम कविता में सभी को कुछ न कुछ करते हुए पाते हो। उसमें से तुम्हें किसका काम सबसे ज़्यादा पसंद है और क्यों?
उ:
मुझे मम्मी का काम सबसे ज्यादा पसंद है। हालाँकि मम्मी फर्श पर कचरा फैलाती है, लेकिन ऐसा वह इसलिए करती है ताकि परिवार के लिए भोजन पक सके। मम्मी को उस काम के लिए कोई वेतन नहीं मिलता है, बल्कि वह प्रेम व निस्वार्थ भाव से यह सब करती हैं।

घ) तुम अपने घर को साफ़ रखने के लिए क्या-क्या करते हो? उन कामों की सूची बनाओ और उसके सामने यह भी लिखो कि तुम वह काम कब-कब करते हो?
: मैं रोज अपना बिस्तर ठीक करता हूँ। पढ़ाई करने के बाद अपनी किताबें सही जगह पर रखता हूँ। खेलने के बाद खिलौने उठाकर सही जगह रखता हूँ। सूखे हुए कपड़े समेटने तथा उन्हें अलमारी में रखने, मम्मी की मदद करता हूँ। घर की साफ सफाई में भी हाथ बँटाता हूँ।

3) तुम्हारी कल्पना

कविता में से चुनकर कुछ शब्द नीचे दिए गए हैं– चिड़िया, डाल, तिनके, सूरज, हवा, हाथ, मुन्ना, कविता।  इनका प्रयोग करते हुए कोई कहानी या कविता लिखो।
उ: विद्यार्थी अपनी कल्पना से इस प्रश्न का उत्तर लिखें।

 4 फ़र्श पर कविता

“और इस तरह लिखती है हर रोज़

एक कविता फ़र्श पर।”

कविता में फ़र्श पर काम करने को भी कविता लिखना बताया गया है। फ़र्श के अतिरिक्त अन्यत्र भी तुम कुछ लोगों को काम करते हुए पा सकते हो। उनमें से तुम जिन कामों को कविता लिखना बता सकते हो, बताओ और उसके कारण भी बताओ।
: बर्तन मांजना, कपड़े धोना, कुम्हार का घड़े बनाना, हस्तशिल्पकारों का कार्य, चित्रकला आदि ऐसे काम है जिन्हें हम कविता लिखना बता सकते हैं। जैसे कवि शब्दों के माध्यम से अपने भावों और कल्पना को एक सुंदर रूप दे देता है, वैसे ही इन कार्यों को करनेवाले अपनी कला और समझदारी से अपने काम को सुंदर रूप देते है।  

5) बच्चे और फ़र्श

बच्चे फ़र्श पर अपनी मर्ज़ी से जो उन्हें अच्छा काम लगता है वो काम करते हैं। उसमें कभी-कभी फ़र्श को तो कभी-कभी बच्चों को भी नुकसान उठाना पड़ता है। पता करो–

क) बच्चों द्वारा फ़र्श पर क्या-क्या करने से उन्हें नुकसान होता है? उसकी सूची बनाओ।
उ:
बच्चे खेलते समय अंधाधुन भागते हैं तो सर पर चल कर गिर सकते हैं खेलते वक्त कूदने से भी उन्हें चोट आ सकती है फर्श पर अगर पानी गिरा हो तो फसल पर चोट लगने का खतरा रहता है।

ख) बच्चों के किन-किन कामों से फ़र्श को नुकसान होता है?
उ:
बच्चे फ़र्श पर नुकीली चीज़ से लिखने का प्रयास करते हैं, जिससे फ़र्श पर लकीरें पड़ जाती हैं। कुछ सामान घसीटते हैं, तो भी रगड़ पड़ जाती है। इस तरह के कामों से फ़र्श को नुकसान पहुँचता है। 

6) काम के शब्द

कविता में बहुत से कामों का ज़िक्र किया गया है; जैसे – बीनना, बिखेरना, सजाना, उतारना, समेटना आदि। इन्हें क्रियाएँ कहते हैं। नीचे कुछ शब्द दिए गए हैं। इन्हें उचित क्रिया के साथ लिखो–

पानी, टोकरी, बस्ता, चावल, हथेली, रंग, जूते

उ:  चावल  बीनना               पानी, रंग  बिखेरना        हथेली, टोकरी  सजाना

   जूते, टोकरी  उतारना          बस्ता  समेटना