I) निम्नलिखित गद्य-खंड को पढ़कर उसके नीचे दिए हुए प्रश्नों के जवाब लिखिए ।
“एकलव्य का अंगूठा बने रहने का अर्थ समझते हो ? धनुर्विद्या पर उसका अधिकार हो जाएगा । धीरे-धीरे उसकी जाति का अधिकार हो जाएगा । उसका अँगूठा छीनकर मैं इस संभावना को हमेशा के लिए समाप्त कर दूँगा । समझे ?
प्रश्न- i) यह संवाद किस पाठ से लिया गया है ?
उ: यह संवाद ‘गुरुदक्षिणा’ पाठ से लिया गया है ।
ii) इसके लेखक का क्या नाम है?
उ: इस पाठ के लेखक का नाम शंकर शेष है ।
iii) द्रोणाचार्य अँगूठा क्यों लेना चाहते थे ?
उ: द्रोणाचार्य एकलव्य से अँगूठा माँग कर धनुर्विद्या पर उसका तथा उसके जाति के अधिकार की संभावना को हमेशा के लिए समाप्त कर देना चाहते थे ।
iv) अर्जुन ने एकलव्य की आँखों में क्या देखा था ?
उ: अर्जुन ने एकलव्य की आँखों में क्षत्रियों के लिए घृणा देखी थी ।
v) अर्जुन के मतानुसार द्रोणाचार्य ने क्या किया था ?
उ: अर्जुन के मतानुसार द्रोणाचार्य ने एक महान प्रतिभा को उभरने से पहले ही कुचल दिया था।
II) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर लिखिए ।
1) एकलव्य द्रोणाचार्य से कब और क्यों मिला था ?
उ: एकलव्य द्रोणाचार्य से दस वर्ष पहले शिष्य बन कर धनुर्विद्या सीखना चाहता था ।
2) द्रोणाचार्य के अनुसार व्यवस्था किन चीजों से बड़ी है ?
उ: द्रोणाचार्य के अनुसार व्यवस्था योग्यता और प्रतिभा से बड़ी है ।
3) द्रोणाचार्य व्यवस्था को मानने के लिए क्यों बाध्य थे ?
उ: द्रोणाचार्य व्यवस्था को मानने के लिए इसलिए बाध्य थे क्योंकि व्यवस्था को तोड़ा नहीं जा सकता है, उसमें विश्वास करके ही जिया जा सकता है ।
4) द्रोणाचार्य को किस बात का अचरज था ?
उ: द्रोणाचार्य को इस बात का आचरण था कि एकलव्य जितनी विद्या उनके प्रिय शिष्य अर्जुन को भी नहीं आती थी ।
5) एकलव्य ने धनुर्विद्या कैसे सीखी?
उ: एकलव्य ने गुरु द्रोणाचार्य का पुतला बनाकर उनके चरणों में बैठकर अभ्यास कर धनुर्विद्या सीखी ।
6) एकलव्य द्रोणाचार्य को गुरुदक्षिणा क्यों देना चाहता था ?
उ: एकलव्य ने द्रोणाचार्य को अपना गुरु मान धनुर्विद्या सीखी थी इसलिए वह द्रोणाचार्य को गुरुदक्षिणा देना चाहता था।
7) एकलव्य ने द्रोणाचार्य को गुरुदक्षिणा देने में अपनी समर्थता कैसे बताई?
उ: एकलव्य ने द्रोणाचार्य से कहा कि वह पांडु या कौरवों के बेटा भले ही न हो परंतु व्याधराज का पुत्र है । वह अपने पिता का पूरा राज्य भी गुरुदक्षिणा में दे सकता है ।
8) द्रोणाचार्य के अँगूठा मांगने पर एकलव्य ने क्या कहा ?
उ:द्रोणाचार्य के अँगूठा माँगने पर एकलव्य ने कहा कि वे उसे आशीर्वाद दे रहे हैं या शाप दे रहे हैं ।
9) एकलव्य ने द्रोणाचार्य से कौन सा प्रश्न पूछा ?
उ: एकलव्य ने द्रोणाचार्य से यह प्रश्न पूछा कि क्या वह अर्जुन से कभी उसका दाहिना हाथ और भीम से उसकी भुजा माँगेंगे ? अगर माँगेंगे तो क्या वह देंगे ? आपने मुझसे अँगूठा माँग कर मेरी हत्या नहीं कर दी है ।
10) द्रोणाचार्य ने अर्जुन को एकलव्य की प्रतिभा के बारे में क्या चेतावनी दी?
उ: द्रोणाचार्य ने अर्जुन को एकलव्य के प्रतिभा के बारे में यह चेतावनी दी कि उसकी प्रतिभा स्वयंभू है और वह एकलव्य के सामने ठहर नहीं सकता।
11) द्रोणाचार्य कौनसा वचन पूरा कर रहे थे ?
उ: द्रोणाचार्य ने प्रसन्न होकर अर्जुन को आशीर्वाद दिया था कि उससे बड़ा धनुर्धर नहीं होगा । यह वचन पूरा कर रहे थे ।
12) द्रोणाचार्य किसका पालन कर रहे थे ?
उ: द्रोणाचार्य राजकीय कर्तव्य का पालन कर रहे थे ।
13) द्रोणाचार्य को एकलव्य के बारे में कौनसा भय था ?
उ: द्रोणाचार्य को एकलव्य के बारे में यह भय था कि भविष्य में वह अर्जुन के राह का सबसे बड़ा काँटा बन सकता है।
14) अर्जुन ने द्रोणाचार्य से क्या अनुरोध किया ?
उ: अर्जुन ने द्रोणाचार्य से अनुरोध किया कि वह एकलव्य को अंगूठा काटने से मना कर दी वह इस पार्क में शामिल नहीं होना चाहता।
भाषा अध्ययन
क) निम्नलिखित समदर्शी भिन्नार्थक शब्दों का भिन्न-भिन्न अर्थ बताने वाले वाक्यों में प्रयोग कीजिए ।
1) ओर – और
राजू दक्षिण की ओर भाग रहा था ।
राम, लक्ष्मण और सीता वनवास चले गए ।
2) दिशा – दशा
सूरज पूरब दिशा से उदय होता है ।
भिखारी की दशा दयनीय थी ।
3) तप – ताप
औलाद को पालना माँ-बाप के लिए तप करने के समान है ।
गर्मी में ताप से सब परेशान रहते हैं ।
4) सुत – सूत
अर्जुन कुंती का सुत था ।
सूत्त से कपड़ा बुनते हैं ।
5) परिणाम – परिमाण
लालच का परिणाम हमेशा बुरा होता है ।
पतीले में दूध का परिमाण बहुत कम था ।
6) गृह – ग्रह
मेरे मित्र का गृह सुंदर है ।
सारे ग्रह सूर्य के चक्कर काटते हैं ।
7) आदि – आदी
मेले में कपड़े, खिलौने, मिठाइयाँ आदि मिलते हैं ।
रमेश देर से आने का आदी हो गया था ।
8) बलि – बली
बेजुबान जानवरों की बलि देना गलत है ।
भीम बली योद्धा था ।
9) मूल – मूल्य
मूल पेड़ को जमीन में जकड़े रखता है ।
आजकल हर चीज का मूल्य बढ़ रहा है ।
10) नग – नाग
राजा के मुकुट में कीमती नग जड़े थे ।
नागपंचमी पर लोग नाग की पूजा करते हैं।
ख) निम्नलिखित वाक्यों में अधोरेखांकित शब्दों को शुद्ध कीजिए और शुद्ध वाक्य फिर से लिखिए।
1) राघव का राम-राम पुलकित हो उठी ।
उ: राघव का रोम-रोम पुलकित हो उठा ।
2) मुन्ने से अब इस केल में मजा आने लगा है ।
उ: मुन्ने को अब इस खेल में मजा आने लगा है ।
3) आनंद ने देखा की आग फैलता जा रही है ।
उ: आनंद ने देखा कि आग फैलती जा रही है ।
4) उपर इमली के गने वृक्षों की छाया था ।
उ: ऊपर इमली के घने वृक्षों की छाया थी ।
5) लेखीका एक दुर्घटना में घायल हो गया ।
उ: लेखिका एक दुर्घटना में घायल हो गयी।