कुछ अन्य प्रश्न

I) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखो।

1)  किताबें कहाँ से और क्यों झाँकती है?
उ:  किताबें बंद अलमारी के शीशों में से झाँकती हैं कि कोई आएगा और उन्हें पढ़ेगा।

2) किताबें बेचैन क्यों रहती हैं?
उ: किताबें बेचैन रहती हैं क्योंकि कोई उन्हें पढ़ता नहीं है, बल्कि कंप्यूटर के पर्दे पर शामें गुजार देते हैं।

3) कवि के अनुसार किताबें पढ़ते वक्त क्या जायका आता था?
उ: कवि के अनुसार किताबें पढ़ते वक्त जब उँगली पर थूक लगाकर पन्ने पलटते थे, तब पन्ने पलटने का जायका जुबान पर आता था।

4) पुस्तक प्रेमी पुस्तकों के प्रति अपनी आत्मीयता कैसे दिखाते थे?
उ: पुस्तक प्रेमी शाम को पुस्तकें पढ़ते वक्त उनको कभी सीने से लगाकर कभी गोदी में रखकर और कभी माथे से लगाकर उनके प्रति अपनी आत्मीयता दिखाते थे।

5) पुस्तक प्रेमी पुस्तकों के प्रति क्या व्यवहार करते थे?
: कविता किताबें झाँकती हैं मैं कवि गुलजार ने वर्तमान में किताबों की हो रही दयनीय दशा का चित्रण किया है। पहले पुस्तक प्रेमी किताबें पढ़ने में अपना समय बिताते थे। वह किताबों को सीने पर रख कर लेट जाते, तो कभी गोद में रख लेते थे। कभी अपने घुटनों को ‘रहल’ की सूरत बनाकर पुस्तकें उन पर रखकर पढ़ते थे, तो कभी पुस्तकों को अपने माथे से लगाकर उनके प्रति सम्मान व्यक्त करते थे।