प्रश्न

I) निम्नलिखित गद्य-खंड को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

क) घर चमचमा रहा था। दस वर्षीय रोहन ने अपने पिल्ले टोपसी  पर नजर डाली और हँस पड़ा। पापा के आने में सिर्फ आधा घंटा और बाकी था। उनके आने की उत्तेजना का बुखार बढ़ता जा रहा था। मम्मी जोर-शोर से तैयारी में जुटी थी। तभी परीदा भैया कमरे में आए और कंप्यूटर पर युद्ध का खेल खेलने में मशगूल रोहन से उत्तेजित स्वर में बोले।

“रोहन, कंप्यूटर के परदे के सैनिकों को छोड़ो, सचमुच के सैनिक अब घर आने ही वाले हैं। और अभी तो तुम्हें नहाना भी है। जब पापा आए तो उनके सामने तुम्हें साफ-सुथरा होकर जाना चाहिए, ठीक?”

“ओ परीदा भैया, उस लड़ाई के बारे में आप एक और बार बताओ न….” उसने उस प्रसिद्ध लड़ाई का नाम लिया जो हाल ही में उसके पापा की पलटन ने जीती थी। साहब का निजी ‘सहायक’ (अर्दली) होने के नाते, परीदा के पास सारी जानकारी थी।

1) यह गद्य-खंड किस कहानी से लिया गया है?
उ: यह गद्य-खंड ‘मै मदद करना चाहता हूँ’ कहानी से लिया गया है।

2) इस पाठ की लेखिका का नाम क्या है?
उ: इस पाठ की लेखिका का नाम विनीता वैद है।

3) रोहन कितने वर्ष का था?
: रोहन दस वर्ष का था।

4) पापा के आने में कितना समय शेष था?
उ: पापा के आने में आधा घंटा शेष था।

5) रोहन कौनसा खेल खेल रहा था?
: रोहन अपने कमरे में कंप्यूटर पर युद्ध का खेल खेलने में मशगूल था।

6) रोहन किस लड़ाई के बारे में पूछ रहा था?
उ: रोहन उस प्रसिद्ध लड़ाई के बारे में पूछ रहा था जो हाल ही में उसके पापा की पलटन ने जीती थी।

7) परीदा भैया कौन थे?
उ: परीदा भैया रोहन के पापा के निजी ‘सहायक’ (अर्दली) थे।

ख) “रोहन, बेटा जोंगा (जीप) आ गई है, चलो चलें!” मम्मी ने आवाज दी। अपनी नई जीन्स और पुलओवर में लकदक और स्मार्ट बना रोहन बाहर की ओर दौड़ा।

लंबी-चौड़ी जोंगा में बैठते हुए रोहन प्रसन्नता से अपने पापा की विचारों में डूब गया।

इससे पहले मम्मी बहुत कम बातें करती थीं। रोहन से बातें किए भी कई-कई दिन हो जाते थे। बस व्यग्रता से टीवी पर युद्ध के बारे में समाचार दिखाए जाने का इंतजार करती रहती थी। ऐसा कम ही होता था जब मम्मी के चेहरे पर स्वभाविक मुस्कान दिखाई दी हो। अन्यमनस्क और उद्विग्न होते हुए भी वे बाहर से दृढ़चित दिखाई देने की कोशिश करतीं और छावनी की अन्य महिलाओं के साथ विभिन्न कल्याण-केंद्रों पर जाकर जवानों के परिवारों को साहस बँधातीं।

1) यह गद्य-खंड किस कहानी से लिया गया है?
उ: यह गद्य-खंड ‘मै मदद करना चाहता हूँ’ कहानी से लिया गया है।

2) इस पाठ की लेखिका का नाम क्या है?
: इस पाठ की लेखिका का नाम विनीता वैद है।

3) रोहन किस प्रकार तैयार हुआ था?
उ: रोहन ने अपने पापा का स्वागत करने जाने के लिए नए जींस और पुलओवर पहना था।

4) जोंगा में बैठकर रोहन किन विचारों में डूब गया?
उ: जोंगा मैं बैठकर रोहन प्रसन्नता से अपने पापा के विचारों में डूब गया।

5) मम्मी व्यग्रता से किसका इंतजार करती थी?
उ: मम्मी व्यग्रता से टीवी पर युद्ध के बारे में समाचार दिखाए जाने का इंतजार करती थी।

6) मम्मी अपने आप को दृढ़चित दिखाने के लिए कौन से कार्य करती थी?
उ: मम्मी अन्यमनस्क और उद्विग्न होते हुए भी बाहर से दृढ़चित दिखाई देने के लिए छावनी की अन्य महिलाओं के साथ विभिन्न कल्याण केंद्रों पर जाकर जवानों के परिवारों को साहस बँधाती थी।

ग) जब हम आराम कर रहे थे तब ‘वह’ मुझे अपने बारे में बताने लगा। हमारी बातचीत अधिकतर उसके विकलांग भाई पर ही केंद्रित रही।“

“मुझे अपने गूंगे और बहरे भाई को विशेष स्कूल में भेजना है… मैं दो कारणों से सेना में भर्ती हुआ हूँ, एक तो निश्चित रूप से देश की रक्षा करने का था, और दूसरा कारण यह था कि मैं अपने भाई को सर्वोत्तम अवसर उपलब्ध कराना चाहता था। मैंने अपनी माँ से इस बात का वादा किया था, ‘उसने शरमाते हुए कहा था। देखो, उसके माता-पिता बूढ़े और अशक्त हैं। उन्हें शायद ही आशा है कि उनका सैनिक बेटा ही उनके सपने साकार करेगा।“

1) यह गद्य-खंड किस कहानी से लिया गया है?
: यह गद्य-खंड ‘मै मदद करना चाहता हूँ’ कहानी से लिया गया है।

2) इस पाठ की लेखिका का नाम क्या है?
उ: इस पाठ की लेखिका का नाम विनीता वैद है।

3) शहीद सैनिक का भाई कैसा था?
उ: शहीद सैनिक का भाई गूंगा और बहरा था।

4) शहीद सैनिक किन कारणों से सेना में भर्ती हुआ था?
: शहीद सैनिक निश्चित रूप से देश की रक्षा करना चाहता था और अपने भाई को सर्वोत्तम अवसर उपलब्ध कराना चाहता था।

5) शहीद सैनिक के माता-पिता को उस से क्या आशा है?
उ: शहीद सैनिक के बूढ़े और अशक्त माता-पिता को आशा है कि उनका बेटा ही उनके सपने साकार करेगा।

II) निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

1) युद्ध की समाप्ति पर जब रोहन के पापा लौटे तो वातावरण कैसा था?
: सेना की विशेष रेलगाड़ी से सैनिक अपने-अपने घर वापस आ रहे थे। उनके परिवारवाले प्रसन्न होकर उनसे गले मिल रहे थे। कुछ की आँखें आँसुओं से गीली हो चुकी थी। रोहन के पापा ने उसकी मम्मी और रोहन को अपने पास खींच लिया। उनके आँसू यह संदेश सुना रहे थे कि युद्ध समाप्त हो गया है।

2) पापा के घर लौटने पर रोहन निराश क्यों हो गया?
उ: पापा युद्ध समाप्त होने पर घर लौटे थे। वह काफी अनमने से थे। मम्मी भी काफी तनावग्रस्त थी। रोहन ने पापा के घर लौटने की ऐसी तस्वीर नहीं बनाई थी। वह उन्हें विनोदपूर्ण ढंग से छेड़ना चाहता था। वह उनके साथ पिकनिक पर जाने और क्रिकेट खेलने की योजनाएँ बना रहा था। पापा कुछ उदास से थे। उन्हें उदास देखकर रोहन भी निराश हो गया।

3) रोहन के पापा ने युद्ध के बारे में क्या विचार थे?
: रोहन के पापा के अनुसार युद्ध कोई बहुत अच्छी बात नहीं है, पर देश की रक्षा के लिए आवश्यक है।

4) युवा लेफ्टिनेंट कैसा था?
उ:
युवा लेफ्टिनेंट ऊँचा-पूरा, जोशीला और बहादुर था। वह पलटन का दुलारा था। वह अकादमी से निकलकर आया था। वह सीधे युद्ध के मैदान में आकर यूनिट में शामिल हुआ था।

5) सैनिक चौकी की क्या परेशानियाँ थी?
: युद्ध का इलाका बहुत दुष्कर और उबड़-खबड़ था। दुश्मन एक बेहतर स्थितिवाले दाल पर था जो सैनिक चौकी के लिए परेशानियाँ पैदा कर रहा था।

6) युवा लेफ्टिनेंट रोहन के पापा की रक्षा करते हुए कैसे शहीद हो गए?
उ:
रोहन के पापा के प्लाटून में एक नया सैनिक आया था, जो बहुत ही बहादुर और सबका दुलारा था। अचानक दुश्मन ने उन पर आक्रमण किया और वे घिर गए। दुश्मन गोलियाँ बरसा रहे थे। तभी वह वीर साहसी सैनिक बाहर आया और दुश्मन पर गोलियाँ बरसाने लगा। उसकी गोलियों से काफी दुश्मन मारे गए। उसने सभी साथियों की जान बचाई परंतु वह सैनिक शहीद हो गया।

7) युद्ध में विजयी होने पर भी रोहन के पापा उदास क्यों थे?
: दुश्मन से युद्ध करते समय नौजवान वीर सैनिक शहीद हो गया था। उसकी शहादत देख सबमे जोश आ गया था और उन्होंने एक-एक कर दुश्मन को मार गिराया। रोहन के पापा ने युद्ध तो जीत लिया, परंतु वह खुश नहीं थे क्योंकि उनका युवा दुलारा सैनिक शहीद हो गया था। उसने अपने प्रियजनों से दूर एक विरान इलाके में देश की रक्षा करते हुए अंतिम साँस ली थी।

8) रोहन के पापा के मन में कौनसी बात चुभ रही थी?
उ:
नौजवान वीर सैनिक ने अपनी जान कुर्बान कर बाकी सैनिकों की रक्षा की थी। निडर होकर शत्रु का सामना करना उसके कर्तव्य का ही एक अंग था। वैसे तो युद्ध में वीरता दिखाने वालों को सेना कई तरह के लाभ देती है परंतु इतना ही काफी नहीं होता है। उसके विकलांग भाई तथा उसके माता-पिता के बुढ़ापे का सहारा कोई तो होना चाहिए। उनके बेटे की भरपाई कैसे होगी?, यही बात रोहन के पापा को चुभ रही थी।

9) शहीद युवा सैनिक के बूढ़े माता-पिता की क्या मन-स्थिति थी?
उ:
अपने युवा बेटे के शहीद होने पर उसके बूढ़े माता-पिता चकराए हुए लगते थे। पुत्र की मृत्यु की खबर सुनकर वे टूट गए थे। उन्हें विश्वास ही नहीं हो रहा था कि उनका बेटा अब कभी लौटकर नहीं आएगा। वह समझ नहीं पा रहे थे कि उनका बेटा अब उनसे किया हुआ वादा कैसे निभाएगा।

10) रोहन के पापा ने क्या निश्चय कर लिया था?
: शहीद सैनिक के परिवार को सेना कई तरह के लाभ देती है परंतु रोहन के पापा और उसकी मम्मी ने निश्चय कर लिया था कि वह कुछ समय तक उस शहीद सैनिक के गाँव में जाकर उसके बूढ़े माता-पिता के साथ रहेंगे। उनके बेटे से अपने विकलांग भाई के लिए जो सपना देखा था उसे साकार करने में उनकी मदद करेंगे। वह भौतिक वस्तुओं से नहीं बल्कि स्वयं सशरीर उपस्थित रहकर उन्हें आराम पहुँचाने की कोशिश करेंगे।

11) रोहन ने पापा ने रोहन से क्या निवेदन किया?
: रोहन के पापा शहीद सैनिक का परिवार, जो एक सुदूरवर्ती भाग में रहते थे, उनके पास रहकर उनकी मदद करना चाहता था। उन्होंने रोहन से कहा कि वह छुट्टियाँ मनाने दादाजी के पास या पहाड़ों पर नहीं जा सकेगा। उसे अपने खर्च में भी कटौती करनी पड़ेगी। उन्होंने रोहन से निवेदन किया कि उसे उनके शोक का भागीदार बनना होगा ताकि उनका दुख थोड़ी सी खुशी में बदल जाए।

12) क्या रोहन ने अपने पापा के निर्णय का समर्थन किया?
उ:
जी हाँ, रोहन ने अपने पापा के निर्णय का समर्थन किया। वह अपनी खुशियाँ त्याग कर शहीद सैनिक के परिवार की मदद करना चाहता था। उसने निश्चय किया था कि वह अपने माता-पिता का यथा संभव साथ देगा।