प्र) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ बताकर वाक्य में प्रयोग कीजिए।
1) धावा बोल देना – हमला कर देना
– भारतीय सैनिकों ने शत्रु सेना पर धावा बोल दिया।
2) भौंचक्के रह जाना – आश्चर्यचकित होना
– घर में साँप को देखकर माँ भौंचक्की रह गई।
3) ढेर कर देना – मार डालना
– पुलिस ने डकैतों को ढेर कर दिया।
4) पीठ थपथपाना – प्रशंसा करना
– शोभा की बहादुरी देख सब लोगों ने उसकी पीठ थपथपाई।
5) वीरगति को प्राप्त होना – युद्ध में मारा जाना
– कारगिल में हमारे कई जवान पाकिस्तान से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए।
6) भगदड़ मचना – भीड़ का बदहवास होकर भागना
– सिनेमा हॉल में बम रखे जाने की खबर फैलते ही लोगों में भगदड़ मच गई।
7) नाम रोशन करना – कीर्ति बढ़ाना
– ए.पी.जे. कलाम ने अपने संशोधन कार्य से भारत का पूरे विश्व में नाम रोशन किया।
प्र) निम्नलिखित प्रत्येक शब्द युग्म का सार्थक वाक्यों में प्रयोग कीजिए।
1) होते-होते – शाम होते-होते सारे मेहमान आ गए थे।
2) देखते-देखते – देखते-देखते बच्चों ने सारा मैदान साफ कर दिया।
3) बजते-बजते – दस बजते-बजते माँ का मन चिंता से व्याकुल हो गया।
4) भागते-भागते – देर होने की वजह से स्वामी भागते-भागते स्कूल पहुँचा।
अभ्यास प्रश्न
क) निम्नलिखित गद्य-खंडों को ध्यानपूर्वक पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
अ) भगवान शिव का उपासक योगेन्द्र अब पूरी तरह रौद्र रूप धारण कर ‘टाइगर हिल’ की चोटियों पर प्रलयंकर की तरह प्रलय करने पर उतारू था। उसने दाहिनी ओर की चौकी पर मोर्चा लगाए बैठे एक दर्जन पाकिस्तानियों को पीका गन की गोलियों व हथगोलों का निशाना बना डाला। जब वह केवल दस गज दूर रह गए तब उसने उन पर ग्रेनेड फेंके। देखते ही देखते एक दर्जन घुसपैठियों के परखचे उड़ गए। शेष भागते-भागते गहरी खाईयों में लुढ़क गए।
प्रश्न- 1) यह गद्य-खंड किस पाठ से लिया गया है?
उ: यह गद्य-खंड ‘परमवीर चक्र से अलंकृत: योगेन्द्र सिंह यादव’ पाठ से लिया गया है।
2) इस पाठ के लेखक का क्या नाम है?
उ: इस पाठ के लेखक का नाम शिव कुमार गोयल है।
3) योगेन्द्र कौन सा रूप धारण कर चुका था?
उ: योगेन्द्र सिंह यादव भगवान शिव की तरह रूद्र रूप धारण कर ‘टाइगर हिल्स’ प्रलय करने पर उतारू था।
4) बाकी बचे घुसपैठिए कहाँ गए?
उ: योगेन्द्र सिंह द्वारा किए गए ग्रेनेड हमले में एक दर्जन घुसपैठियों के परखचे उड़ गए और बाकी भागते-भागते गहरी खाई में लुढ़क गए।
आ) परमवीर योगेन्द्र सिंह यादव का जन्म जिला बुलन्दशहर के गाँव औरंगाबाद अहीर में अपने जमाने में कुमाऊँ रेजिमेंट में रहकर शौर्य का प्रदर्शन करने वाले रामकरण सिंह यादव के घर हुआ था। उसकी माँ संतरा ने बताया कि योगेन्द्र स्कूल में पढ़ते समय कहा करता था- “मैं अपने पिता की तरह सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा के लिए दुश्मन से जुझूँगा।“
प्रश्न- 1) यह गद्य-खंड किस पाठ से लिया गया है?
उ: यह गद्य-खंड ‘परमवीर चक्र से अलंकृत: योगेन्द्र सिंह यादव’ पाठ से लिया गया है।
2) इस पाठ के लेखक का क्या नाम है?
उ: इस पाठ के लेखक का नाम शिव कुमार गोयल है।
3) योगेन्द्र सिंह का जन्म कहाँ हुआ था?
उ: योगेन्द्र सिंह यादव का जन्म बुलन्दशहर के गाँव औरंगाबाद अहीर में हुआ था।
4) स्कूल में पढ़ते समय योगेन्द्र सिंह यादव क्या कहा करता था?
उ: स्कूल में पढ़ते समय योगेन्द्र सिंह यादव कहा करता था कि “मैं अपने पिता की तरह सेना में भर्ती होकर देश की रक्षा के लिए दुश्मन से जुझूँगा।“
ख) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 15-20 शब्दों में लिखिए।
1) कर्नल राजीव कुमार के नेतृत्व में जवान किस ओर रवाना हुए?
उ: कर्नल राजीव कुमार के नेतृत्व में जवान मश्कोह घाटी से टाइगर हिल्स की ओर वहाँ छुपे पाकिस्तानी घुसपैठियों को निकाल बाहर करने के लिए रवाना हुए।
2) कर्नल राजीव कुमार ने जवानों की टीम को कौन-कौन से नाम दिए?
उ: कर्नल राजीव कुमार ने जवानों की टीम को ‘घातक प्लाटून’ नाम दिया तथा दो ग्रुप बनाकर ‘अल्फा कंपनी’ तथा ‘डेल्टा कंपनी’ नाम दिया।
3) भारतीय जवानों ने टाइगर हिल के पहले बंकर पर तिरंगा कब फहराया?
उ: भारतीय जवानों ने एक दर्जन पाकिस्तानियों को मार कर सुबह साढ़े छह बजे टाइगर हिल्स के पहले बंकर पर तिरंगा फहराया।
4) भारतीय जवानों में दो योगेन्द्र सिंह यादव किन गाँव के निवासी थे।
उ: भारतीय जवानों में दो योगेन्द्र सिंह थे एक मेरठ जिला के गाँव पाली का निवासी था दूसरा जिला बुलन्दशहर के गाँव अहीर का निवासी था।
5) योगेन्द्र सिंह के पास कौनसी राइफल थी?
उ: टाइगर हिल्स पर घुसपैठियों से लड़ते समय योगेन्द्र सिंह यादव के पास ए.क-47 राइफल थी, जिससे वह दुश्मन पर गोलियाँ बरसा रहा था।
6) योगेन्द्र सिंह ने पीका गन कहाँ से हासिल की?
उ: योगेन्द्र सिंह यादव ने दुश्मन के बंकर में घुसकर उनकी पीका गन हासिल की और उसी से उन्हें भून डाला।
ग) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 40-50 शब्दों में लिखिए।
1)योगेन्द्र सिंह यादव के मन में देश रक्षा की भावना कैसे जागृत हुई
उ: योगेन्द्र सिंह यादव के पिता राम करण सिंह यादव सेना में नौकरी करते थे। वह कुमाऊँ रेजिमेंट में सीमा पर रक्षा हेतु तैनात थे। उन्होंने 1965 और 1971 में पाकिस्तान के विरुद्ध युद्ध में भाग लिया था। इन दोनों लड़ाइयों में उन्होंने अनेक पाकिस्तानी हमलावरों से दो-दो हाथ करके अपने साहस और शौर्य से मार गिराया था। इन युद्धों की आँखों देखी कहानियाँ पिता से सुनकर योगेन्द्र रोमांचित हो जाता था। उसने स्कूल में पढ़ते समय ही यह निश्चय कर लिया था कि वह भी अपने पिता की तरह सेना में भर्ती होकर देश रक्षा के लिए दुश्मन से जूझेगा। इस प्रकार अपने पिता से प्रेरणा पाकर योगेन्द्र के मन में देश रक्षा की भावना बचपन में ही जागृत हो गई थी।
2) भारतीय रण-बाँकुरे में टाइगर हिल्स के पहले बंकर पर किस तरह फतह हासिल की?
उ: कर्नल राजीव कुमार के नेतृत्व में भारतीय सैनिक रात भर शीत लहर झेलते हुए टाइगर हिल की ओर बढ़े। सुबह होते-होते यह जाँबाज़ ‘घातक प्लाटून’ के नाम से टाइगर हिल की पहली बंकर तक पहुँच गए। उन्होंने बाज की तरह झपट कर घुसपैठियों की बंकर पर धावा बोल दिया। चारों ओर से घुसपैठियों पर हथगोला और गोलियों की बौछार होने लगी। एक दर्जन पाकिस्तानी घुसपैठिए वहीं ढेर हो गए। शेष अपनी जान बचाकर खाइयों में लुढ़क गए। सुबह के साढ़े छह बजे तक भारतीय सैनिकों ने पहला बंकर फतेह कर वहाँ तिरंगा लहरा दिया।
3)योगेन्द्र सिंह यादव को परमवीर चक्र से क्यों अलंकृत किया गया?
उ: योगेन्द्र सिंह यादव अपने पिता के समान ही रण-बाँकुरे थे। विवाह के दो महीने बाद ही उन्हें कारगिल क्षेत्र में युद्ध पर जाने का आदेश प्राप्त हुआ। वहाँ उन्होंने भीषण शीतलहर झेलते हुए बड़े शौर्य के साथ दुश्मन का सामना किया। दुश्मन की ही का गण छीनकर उन्होंने उसी से उन्हें भून डाला। उनके शरीर के विभिन्न अंगों में पंद्रह गोलियाँ लगी थी। उनका बायाँ हाथ आहत हो झूलने लगा, परंतु उसे बेल्ट के सहारे छाती से बाँधकर वे दुश्मन से जूझते रहे। शानदार साहस और शौर्य का प्रदर्शन कर उन्होंने टाइगर हिल पर पूरी तरह कब्जा कर लिया। उनके इस अनूठे साहस और प्रबल पराक्रम के लिए उन्हें सेना के सर्वोच्च परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।
4) टाइगर हिल के हीरो घायल योगेन्द्र सिंह यादव का उपचार किस प्रकार किया गया?
उ: योगेन्द्र सिंह यादव बर्फीली पहाड़ियों पर शीतलहर खेलते हुए अपने साथी सैनिकों के साथ पाकिस्तानी घुसपैठियों से जूझ रहे थे। उनके साथी एक-एक करके वीरगति को प्राप्त हो गए थे। योगेन्द्र सिंह के शरीर में 15 गोलियाँ लगी थी और उनका बायाँ हाथ भी आहत होकर झूल रहा था। फिर भी वह दुश्मन को परास्त करके ही लौटे। उनको तुरंत द्रास पहुँचाया गया। प्राथमिक चिकित्सा के बाद उन्हें हेलीकॉप्टर से श्रीनगर भेज दिया गया। उनके घाव गंभीर थे अतः वहाँ से उन्हें उपयुक्त उपचार के लिए दिल्ली के मिलिट्री अस्पताल भेज दिया गया। इस प्रकार उनका उपचार हुआ और उनके अनूठे साहस और प्रबल पराक्रम के लिए उन्हें टाइगर हिल का हीरो माना गया और सेना के सर्वोच्च परमवीर चक्र से सम्मानित किया गया।