प्र) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ लिखकर वाक्य में प्रयोग करो।
1) इच्छा जाग उठना – इच्छा पैदा होना।
– आजकल के युवाओं में विदेशों में बसने की इच्छा जाग उठी है।
2) फतह करना – जितना
– भारतीय सैनिकों ने कारगिल में टाइगर हिल पर फतेह कर ली।
3) सुर्खियाँ बनना – प्रसिद्ध होना
– आम आदमी पार्टी चुनाव जीतकर रातों-रात सुर्खियाँ बन गई है।
4) सलाह-मशविरा करना – विचार-विमर्श करना
– सलीम ने सबसे सलाह मशवरा करने के बाद अपना नया व्यवसाय शुरू किया।
5) सपना बिखरना – सपना टूट जाना
– पूजा को कम अंक मिलने के कारण उसका डॉक्टर बनने का सपना बिखर गया।
6) मात दे देना – हरा देना
– भारतीय जवानों ने पाकिस्तानी फौज को मात दे दी।
7) प्रोत्साहित करना – उत्साह बढ़ाना
– मेरे माता-पिता ने मुझे आगे बढ़ने में प्रोत्साहित किया।
8) मूर्तरूप लेना – साकार होना
– जब भारत क्रिकेट का विश्व कप जीत गया तब सचिन तेंदुलकर के सपने ने मूर्तरूप लिया।
9) शुक्रिया अदा करना – धन्यवाद देना
– कार्यक्रम समापन के पूर्व संचालक ने सबका शुक्रिया अदा किया।
10) बीड़ा उठाना – निश्चय करना
– नरेश ने गरीब बच्चों को साक्षर करने का बीड़ा उठाया है।
प्र) निम्नलिखित शब्दयुग्मों का वाक्य में प्रयोग करो।
1) पलटते-पलटते – डायरी के पन्ने पलटते-पलटते पुरानी यादें ताजा हो गई।
2) चलने-फिरने – बीमारी से स्वस्थ होकर रमा आजकल चलने-फिरने लग गई है।
3) दो-तीन – आपका मनीआर्डर आने में दो-तीन दिन लगेंगे।
4) छोटी-छोटी – छोटी-छोटी नोकझोंक घरेलू क्लेश का कारण बनते हैं।
अभ्यास प्रश्न
क) निम्नलिखित गद्य-खंड को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।
अ) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के अंबेडकर नगर में एक मध्यवर्गीय परिवार में सन् 1988 में अरुणिमा सिन्हा का जन्म हुआ। उसकी शिक्षा लखनऊ के स्कूल और कॉलेज में हुई। उसे फुटबॉल और वॉलीबॉल खेलों में विशेष रूचि थी। वह वॉलीबॉल की राष्ट्रीय टीम की सदस्या थी।
प्रश्न- 1) यह गद्य-खंड किस पाठ से लिया गया है?
उ: यह गद्य-खंड ‘पंगुम् लँघयते गिरिम्’ पाठ से लिया गया है।
2) अरुणिमा सिन्हा का जन्म कब हुआ?
उ: अरुणिमा सिन्हा का जन्म सन् 1988 में हुआ।
3) अरुणिमा सिन्हा को किन खेलों में विशेष रूचि थी?
उ: अरुणिमा सिन्हा को फुटबॉल और वॉलीबॉल खेलों में विशेष रूचि थी।
4) अरुणिमा सिन्हा किस टीम की सदस्या थी?
उ: अरुणिमा सिन्हा वॉलीबॉल की राष्ट्रीय टीम की सदस्या थी।
आ) भारत की प्रथम एवरेस्ट विजेता महिला बच्छेन्द्री पाल ने उसका काफी मनोबल बढ़ाया। उन्ही के मार्गदर्शन में वह उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण प्राप्त करने लगी। इसी दौरान उसने कई छोटी-छोटी चोटियों पर सफलतापूर्वक पर्वतारोहण किया। ‘टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन’ ने अरुणिमा को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया।
प्रश्न- 1) यह गद्य-खंड किस पाठ से लिया गया है?
उ: यह गद्य-खंड ‘पंगुम् लँघयते गिरिम्’ पाठ से लिया गया है।
2) भारत की प्रथम एवरेस्ट विजेता महिला कौन थी?
उ: भारत की प्रथम एवरेस्ट विजेता महिला बच्छेन्द्री पाल थी।
3) अरुणिमा सिन्हा ने कौन से संस्थान में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण प्राप्त किया?
उ: अरुणिमा सिन्हा ने उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
4) किस संस्था ने अरुणिमा को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया?
उ: टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन ने अरुणिमा को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया।
ख) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 15-20 शब्दों में लिखिए।
1) एवरेस्ट की गगनचुंबी चोटी को देखकर अरुणिमा सिन्हा के मन में क्या इच्छा जाग उठी?
उ: एवरेस्ट की गगनचुंबी चोटी को देखकर अरुणिमा सिन्हा के मन में इस चोटी पर विजय प्राप्त करने की इच्छा जाग उठी।
2) अरुणिमा को बेहतर उपचार के लिए दिल्ली के किस संस्थान में भर्ती किया गया?
उ: अरुणिमा को बेहतर उपचार के लिए दिल्ली के ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान’ में भर्ती किया गया।
3) अरुणिमा सिन्हा ने पर्वतारोहण का प्रशिक्षण किस के मार्गदर्शन में प्राप्त किया?
उ: अरुणिमा सिन्हा ने भारत की प्रथम एवरेस्ट विजेता महिला विजेता बच्छेन्द्री पाल के मार्गदर्शन में उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण प्राप्त किया।
4) ईश्वर किस की मदद अवश्य करता है?
उ: जो मनुष्य हिम्मत के साथ मुसीबतों का मुकाबला करता है ईश्वर अवश्य उसकी मदद करता है।
5) एडमंड हिलेरी और तेनजिंग ने सर्वप्रथम एवरेस्ट पर कब विजय प्राप्त की थी?
उ: सर एडमंड हिलेरी और तेनजिंग ने सर्वप्रथम एवरेस्ट पर 29 मई 1953 के दिन सर्वप्रथम एवरेस्ट पर विजय प्राप्त की थी।
6) क्रिकेट खिलाड़ी युवराज सिंह ने किसे मात दे दी थी?
उ: क्रिकेट खिलाड़ी युवराज सिंह ने अपनी इच्छाशक्ति के बल पर कैंसर रूपी दैत्य कंस को मात दी थी।
7) रेल मंत्रालय ने अरुणिमा सिन्हा की सहायता कैसे की?
उ: रेल मंत्रालय ने हादसे में घायल अरुणिमा सिन्हा को रेलवे में नौकरी दी।
ग) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 40-50 शब्दों में लिखिए।
1) अरुणिमा सिन्हा का बचपन किस प्रकार बिता?
उ: अरुणिमा सिन्हा का जन्म सन् 1988 में लखनऊ के अंबेडकर नगर में हुआ था। उसका परिवार एक मध्यमवर्गीय परिवार था। उसकी शिक्षा लखनऊ के स्कूल-कॉलेज में ही हुई थी। उसे फुटबॉल और वॉलीबॉल में विशेष रूचि थी। वह वॉलीबॉल की राष्ट्रीय टीम की सदस्या भी रही थी। उसने एन.सी.सी. की ट्रेनिंग भी ली थी। बचपन से ही उसके मन में एक इच्छा जाग उठी थी कि वह एक न एक दिन संसार की सर्वोच्च चोटी एवरेस्ट पर फतह हासिल करेगी।
2) कौनसे हादसे में अरुणिमा सिन्हा को अपनी एक टाँग गवानी पड़ी?
उ: 11 अप्रैल 1911 की रात को अरुणिमा सिन्हा सी.आई.एस.एफ. की परीक्षा में शामिल होने के लिए लखनऊ से दिल्ली जा रही थी। कुछ लुटेरे उसकी रेल में घुस आए और उन्होंने यात्रियों की बहुमूल्य वस्तुएँ और नकदी लूटना शुरू कर दिया। उन्होंने अरुणिमा का बैग और सोने की चेन भी लूट ली। प्रतिरोध करने पर उन्होंने उसे गाड़ी से बाहर फेंक दिया। तभी दूसरी ओर से आने वाली गाड़ी उसके पैरों पर से गुजर गई। वह काफी घायल हो गई थी। जहर उसके शरीर में फैलने लगा था। ‘अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान’ दिल्ली के डॉक्टरों ने उसकी जीवन रक्षा हेतु उसकी बायीं टाँग घुटने के नीचे से काट दी। इस प्रकार कुदरत ने उसको कसौटी पर कसा और उसे कृत्रिम तनग का टाँग सहारा लेना पड़ा।
3) अरुणिमा सिन्हा का एवरेस्ट विजय का सपना कैसे पूरा हुआ?
उ: बचपन से ही अरुणिमा सिन्हा के मन में एवरेस्ट विजय की महत्वाकांक्षा जाग उठी थी। जब एक दु:खद रेल हादसे में उसे अपनी बायीं टाँग गवानी पड़ी तो जैसे उसका सपना बिखर गया परंतु उसने अपनी दृढ़ इच्छाशक्ति और अदम्य साहस के बल पर शीघ्र ही कृत्रिम पैर के सहारे चलना प्रारंभ कर दिया। कई संस्थानों ने उसकी सहायता की। भारतीय क्रिकेट खिलाड़ी युवराज सिंह से उसे विशेष प्रेरणा प्राप्त हुई। उसने प्रथम भारतीय महिला एवरेस्ट विजेता बच्छेन्द्री पाल के मार्गदर्शन में पर्वतारोहण का प्रशिक्षण प्राप्त किया। अंत में अनेक बाधाओं का सामना करती हुई शून्य से 35 डिग्री सेल्सियस कम तापमान को झेलती हुई अरुणिमा सिन्हा ने अपने कृत्रिम पैर के सहारे ही लगातार 52 दिनों तक विपरीत परिस्थितियों से झुझकर 21 मई 2013 के दिन सुबह 10:55 बजे एवरेस्ट की चोटी पर विजय प्राप्त कर ली। वह संसार की सर्वप्रथम एवरेस्ट विजेता पंगु महिला बनी।
4) एवरेस्ट विजय के बाद अरुणिमा सिन्हा ने किस-किस का शुक्रिया अदा किया?
उ: अरुणिमा सिन्हा के एवरेस्ट विजय अभियान में ‘टाटा स्टील एडवेंचर फाउंडेशन’ ने उसको विशेष रूप से प्रोत्साहित किया। उन्होंने उसके पर्वतारोहण के उपकरण और प्रशिक्षण का पूरा व्यय वहन किया। भारत की प्रथम एवरेस्ट विजेता महिला बच्छेन्द्री पाल ने भी उसका काफी मनोबल बढ़ाया। उन्ही के मार्गदर्शन में उसने उत्तरकाशी के नेहरू पर्वतारोहण संस्थान में प्रशिक्षण प्राप्त किया। खेल मंत्रालय तथा उद्योग समूह ने भी उसकी आर्थिक सहायता की थी। इन सब की प्रोत्साहन पर ही अरुणिमा सिन्हा का एवरेस्ट विजय का सपना साकार हो सका। एवरेस्ट पर विजय हासिल करने के बाद उसने इन सभी का तहे दिल से शुक्रिया अदा किया।
5) अरुणिमा सिन्हा का भविष्य में क्या करने का इरादा है?
उ: 21 मई 2013 को अरुणिमा सिन्हा ने सफलतापूर्वक एवरेस्ट पर पर्वतारोहण किया और विश्व की सर्वप्रथम एवरेस्ट विजेता ‘पंगु महिला’ होने का श्रेय प्राप्त किया। आजकल उन्होंने एवरेस्ट शिखर से प्रदूषण हटाने का बीड़ा उठाया है। वह एक प्रदूषण हटाओ अभियान दल लेकर एवरेस्ट शिखर से प्लास्टिक और टिन का कूड़ा-कचरा बेस कैंप पर लाना चाहती हैं। उन्होंने एक ‘पंगु महिला स्वावलंबन केंद्र’ की स्थापना भी की है, जहाँ वे महिलाओं को सशक्त बना कर उन्हें पर्वतारोहण का प्रशिक्षण देना चाहती है। उनके हौसले और विजय की यह गाथा भारतीय युवा पीढ़ी को जीवन में हर बाधा का सामना करने की प्रेरणा देती है।