अभ्यास प्रश्न

क) निम्नलिखित पद्य-खंड को पढ़कर उसके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

जो गजलें वो सुनाती थीं कि जिनकी शल कभी गिरते नहीं थे
जो रिश्ते वो सुनाती थी वो सारे उधड़े-उधड़े हैं
कोई सफ़्हा पलटता हूँ तो इक सिसकी निकलती है
कई लफ्ज़ों के मानी गिर पड़े हैं
बिना पत्तों के सूखे ठूँठ लगते हैं वो सब अल्फ़ाज़
जिन पर अब कोई मानी उगते नहीं है।

प्रश्न – 1) यह पद्य-खंड किस कविता से लिया गया है ?
            उ: यह पद्य-खंड किताबें झाँकती हैं नामक कविता से लिया गया है।

2) इस कविता के कवि का नाम क्या है?
: इस कविता के कवि का नाम ‘गुलजार’ है।

3) किताब का सफ़्हा पलटने पर कवि क्या महसूस करता है?
उ: किताब का सफ़्हा पलटने पर कवी को महसूस होता है कि जैसे कोई सिसकी निकल रही है।

4) कवि को अल्फाज किसके समान लगते हैं?
उ: कवि को अल्फाज बिना पत्तों के सूखे ठूँठ के सामान बेमानी लगते हैं।

ख) नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर 15-20 शब्दों में लिखिए-

1) किताबें बड़ी हसरत से क्यों ताकती हैं?
उ: किताबों को महीनों तक किसी से मुलाकात नहीं होती अर्थात उन्हें कोई पढ़ता नहीं इसलिए वे बड़ी हसरत से ताकती रहती हैं।

2) किताबों को कौनसी नई आदत पड़ गई है?
: किताबें किसी से मुलाकात के लिए बेचैन रहती हैं और उन्हें नींद में चलने की नई आदत पड़ गई है।

3) उँगली क्लिक करने से कंप्यूटर के परदे पर क्या दिखाई देता है?
उ: उँगली क्लिक करने से कंप्यूटर के परदे पर एक झपकी के साथ ही ज्ञान की तहें खुलती चली जाती हैं।

4) जो शामें किताबों की संगति में कटती थी वे अब कैसे गुजरती हैं?
: जो शामें किताबों के संगति में कटती थी वह अब अक्सर कंप्यूटर के पर्दे पर गुजरती हैं।

5) किताबों के माध्यम से रिश्ते कैसे बनते थे?
उ: किताबों के माध्यम से इल्म भी मिलता है और सूखे फूल और महकते हुए रुक्के मिलते थे और माँगने, गिरने, उठाने के बहाने रिश्ते बनते थे।

ग) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 25-30 शब्दों में लिखिए।

1) कंप्यूटर और पुस्तक में क्या अंतर है?
उ: तकनीकी विकास के कारण आज मोबाइल और कंप्यूटर जैसे साधन उपलब्ध हैं। आज की युवा पीढ़ी किताबों के बजाय कंप्यूटर से ज्ञान हासिल करती है। कंप्यूटर पर एक उँगली के क्लिक से ज्ञान प्राप्त होता है परंतु आज किताबों के हर लफ्ज बेमानी हो गए हैं। किताबें गजलें सुनाती थी, जिनके अर्थ बहुत गहरे होते थे। किताबों द्वारा आपसी घनिष्ठता बढ़ती थी और रिश्ते बनते थे।

2) कंप्यूटर के आगमन का मानवीय रिश्तों पर क्या असर हुआ?
उ:
पहले के समय में जब तकनीक का विकास नहीं हुआ था तब किताबें ही सबके ज्ञान, विज्ञान और मनोरंजन का साधन हुआ करती थी। परंतु आज वर्तमान परिस्थिति में मोबाइल और कंप्यूटर आ जाने से सभी उसमें व्यस्त हो गए हैं। आज की युवा पीढ़ी का रिश्ता किताबों से टूट गया है। किताबों से आपसी घनिष्ठता बढ़ती है और रिश्ते पनपते हैं। किताबों में पाए जाने वाले सूखे फूल और महकते पत्र अब नहीं मिलते। किताबें माँगने, गिरने, उठाने के बहाने जो मीठे रिश्ते बनते थे अब वे रिश्ते नहीं बनते। आज के संगणक के युग में किताबों की उपेक्षा हो रही है।