1) पाठ से
क) लोककथा में गोमा बिना खेत जोते अपने बैलों को हाँककर घर की ओर क्यों चल पड़ा?
उ: तीन वर्ष से वर्षा बहुत कम हुई थी। इस वर्ष भी आषाढ़ सुखा रह गया था, वर्षा होने की कोई आशा न थी। वर्षा न होने के कारण खेत कठोर हो गए थे, खेतों में गहरी और चौड़ी दरारें पड़ गई थी। भूख प्यास सहन करते हुए उसके बैल भी कमजोर हो गए थे।
(ख) गोमा को पेड़ के नीचे बैठा देखकर बूढ़ी अम्मा ने उससे क्या कहा?
उ: बूढ़ी अम्मा ने गोमा को समझाया और हिम्मत बँधाई। गोमा निराश हो चुका था। बूढ़ी अम्मा ने उससे कहा कि आदमी को विपरीत परिस्थितियों में हिम्मत नहीं हारनी चाहिए। उन्होंने कहा कि वर्षा होना प्रकृति पर निर्भर करता है। तुम्हें सिर्फ उस पर ध्यान देना चाहिए, जो तुम्हारे वश में है। हमें अपनी जिम्मेदारियाँ समय पर पूरी करनी चाहिए। अगर समय पर काम पूरा किया जाए तो स्थिति भी अनुकूल हो जाती है। ईश्वर भी उसी की मदद करता है जो अपनी मदद स्वयं करते हैं।
(ग) गोमा ने अपने खेतों को क्यों जोता?
उ: बूढ़ी अम्मा की बातों से गोमा को नई हिम्मत मिली। वह सकारात्मक सोचने लगा। उसने वह कार्य करने की ठान ली जो उसके वश में है। बाकी सब ईश्वर पर छोड़ दिया।
2) क्या होता अगर
क) गोमा खेतों को तैयार न करता?
उ: यदि गोमा खेतों को तैयार ना करता, तो वह बारिश आने के बाद समय पर बीज नहीं बो पाता। वर्षा का सर्वाधिक लाभ नहीं उठा पाता। उसने वक्त पर मेहनत की थी तो उसे अच्छी पैदावार मिलेगी।
(ख) गोमा को बूढ़ी अम्मा नहीं मिलती?
उ: यदि गोमा को बूढ़ी अम्मा नहीं मिलती तो वह हिम्मत हारकर नकारात्मक बातें सोचकर और दिनों की तरह वह खेत जोते बगैर घर लौट आता।
(ग) बूढ़ी अम्मा की बात पर गोमा ध्यान न देता?
उ: यदि गोमा बूढ़ी अम्मा की बात पर ध्यान न देता, वह खेत ना जोतता और आकस्मिक वर्षा का उसे पूर्णता: लाभ प्राप्त नहीं होता।
(घ) इस साल भी वर्षा न होती?
उ: यदि इस साल भी वर्षा न होती तो भी गोमा को जोते हुए खेत का लाभ होता। वह अपनी तथा अपनी बैलों की मेहनत व्यर्थ न जाने देता। कोई न कोई सिंचाई की युक्ति लगाता तथा कुछ ना कुछ अपने खेत में अवश्य उगाता।
3) वर्षा कैसे हो!
क) बूढ़ी अम्मा ने वर्षा न होने का क्या कारण बताया था?
उ: बूढ़ी अम्मा ने वर्षा न होने का यह कारण बताया कि इंसान आज अपने स्वार्थ के लिए वनों की अंधाधुंद कटाई कर रहा है। अगर पेड़ ही नहीं रहेंगे तो वर्षा नहीं होगी।
(ख) क्या तुम बूढ़ी अम्मा की बात से सहमत होते? अपने उत्तर का कारण भी बताओ।
उ: हाँ, हम बूढ़ी अम्मा की बात से सहमत हैं। बादलों के निर्माण में पेड़ अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए जितने अधिक पेड़ और हरियाली होगी वर्षा भी उसके अनुरूप होगी। मानव ने औद्योगिक प्रगति के लिए अँधाधुन पेड़ों को काटा है जिसके फलस्वरूप वर्ष प्रतिवर्ष वर्षा भी कम होती जा रही है।
4) गाँव और पशु
क) “इस वर्ष भी आषाढ़ सूखा ही रहा।”
लोककथा से जाहिर होता है कि गोमा के गाँव में तीन साल से वर्षा नहीं हुई थी। वर्षा न होने के कारण उनके गाँव के बैलों, खेतों और पेड़ों में क्या बदलाव आए होंगे?
उ: तीन साल से वर्षा न होने के कारण गाँव की स्थिति दयनीय हो गई होगी। पर्याप्त वर्षा न होने के कारण सूखा पड़ा होगा। खेत सूख गए होंगे, धरती पर दरारें पड़ गई होंगी। खेतों की उपज में भारी गिरावट आई होगी। लोगों को भरपेट खाना नहीं मिला होगा। मवेशियों को पर्याप्त चारा एवं पानी नहीं मिला होगा। पेड़ सूख गए होंगे और हर तरफ पानी की कमी से त्राहि-त्राहि मची होगी।
(ख) “सवेरे-सवेरे अपने पशुओं की ये आवाज़ें सुनने के लिए उसके कान तरस गए थे।”
गोमा ने बहुत समय बाद अपने पशुओं की वे आवाज़ें सुनी थीं। क्यों?
उ: तीन साल से वर्षा नहीं हो रही थी। पशु भी वर्षा के अभाव से परेशान थे। जब आसमान में बादल घुमड़ने लगे तो उनमें नवजीवन की तरंग-सी दौड़ गई। उस दिन बारिश होने के पूरे आसार थे इसलिए वे खुश थे।
5) सोचने की बात
बूढ़ी अम्मा ने कहा, “वर्षा अवश्य होगी।”
क) तुम्हारे विचार से बूढ़ी अम्मा ने गोमा से यह बात क्यों कही?
उ: बूढ़ी अम्मा ने गोमा से यह बात उसका हौसला बढ़ाने के लिए कही होगी। वह चाहती थी कि गोमा मेहनत से न कतराए वैसे ही जैसे हमारे बड़े हमें हमेशा आगे बढ़ने की प्रेरणा देते हैं।
ख) क्या उन्हें मालूम था कि इस साल वर्षा होगी? या उन्होंने अपने अनुभव के आधार पर केवल अंदाजा लगाया था?
उ: बूढ़ी अम्मा ने अपने अनुभव के आधार पर अंदाजा लगाया होगा कि इस साल वर्षा होगी। हम इस अंदाजे को आशीर्वाद भी कह सकते हैं। कहते हैं ना माँ की दुआ खाली नहीं जाती। बूढ़ी अम्मा भी गोमा की माँ स्वरूप थी।
ग) वर्षा और पेड़ों के संबंधों के बारे में सोचो। पाँच-पाँच बच्चों के समूह बनाकर इस बारे में बातचीत करो। फिर सबको अपने समूह के विचार बताओ।
उ: वर्षा और पेड़ों का आपस में गहरा संबंध है। पेड़ों की सहायता से ही वर्षा होती है और वर्षा होगी तो धरती को जल मिलेगा जिससे पेड़-पौधे उपजेंगे वरना सूख जाएँगे।
6) कैसा था गोमा
सही शब्दों पर गोला बनाओ–
कामचोर, आलसी, मेहनती, भोला-भाला, मूर्ख, समझदार, गरीब, अमीर, कमज़ोर, लगन का पक्का
अब अपने उत्तर का कारण नीचे लिखो
मेरे विचार से गोमा ………….. व्यक्ति था क्योंकि …………………………………………………………………………………
उ: मेरे विचार से गोमा मेहनती, भोला-भाला, समझदार, गरीब और लगन का पक्का व्यक्ति था। वह रोज बैलों को लेकर खेत जोतने खेतों की ओर चल पड़ता परंतु अपने खेत और बैलों की दयनीय दशा देख वापस लौट आता था। बूढ़ी अम्मा के हौसला बढ़ाने पर वह अपने खेतों को जोतने में लग गया। मेहनत और लगन से उसने चार दिनों में खेत जोत दिया।
7) डाँवाडोल
“कई बार उसका मन डाँवाडोल भी हुआ।”
गोमा खेतों में काम करने जा रहा था। कई बार उसने घर लौट जाने की बात भी सोची। तुम्हारा मन भी ज़रूर कभी डाँवाडोल होता होगा? ऐसा कब-कब होता है? अपने ढंग से सोचकर इस सूची को पूरा करो।
उत्तर:
(क) जब खूब नींद आ रही हो और दोस्त खेलने को बुलाने लगे।
ख) जब पढ़ाई भी करनी है और खेलने भी जाना है।
ग) खेलने जाना हो और माँ ने मना किया हो।
घ) परीक्षा के लिए पढ़ना भी है और फिल्म भी देखनी है।
ड) स्कूल जाने का मन न हो परंतु पी.टी. का पीरियड हो।
8) खेती
इस लोककथा में खेती से संबंधित अनेक शब्द आए हैं। उनकी सूची बनाओ। फिर उन्हें वर्णमाला के क्रम से लिखो।
उ: किसान, खेत, गाय, बैल की जोड़ी, जोतना, फसलें, मेंड, धरती वर्षा, हल।
9) तुम्हारी लोककथा
यह मालवा (मध्यप्रदेश) की एक लोककथा है। तुम्हारे प्रांत की भाषा/बोली में भी कुछ लोककथाएँ होंगी जिसे लोग सुनते-सुनाते होंगे। उनमें से तुम अपनी पसंद की किसी लोक कथा को अपनी कॉपी में लिखो और अपने मित्रों को सुनाओ।
-छात्र स्वयं अपने प्रांत की भाषा या बोली में लोककथाएँ लिखें और अपने मित्रों को सुनाएँ। इसके लिए अपने घर के बड़ो की सहायता ले सकते हैं।
10) किसका काम
तुम गीत-गाने, किस्सा-कहानी को सुनने के अलावा फ़िल्में भी देखते होगे। अब तुम पता करो कि–
क) लोकगीतों और लोककथाओं को कौन-कौन लोग बनाते और गाते हैं?
उ: लोकगीतों को ग्रामीण लोग बनाते हैं और वे ही गाते हैं परन्तु आजकल इनका प्रचलन शास्त्रीय संगीत तथा फिल्मी संगीत में भी हो गया है।
(ख) क्या लोककथाओं पर भी नाटक या सिनेमा बना है? कुछ के नाम बताओ।
उ: हाँ! लोक कथाओं पर कई नाटक व फिल्म बनी हैं; जैसे– चरनदास चोर, नागिन, पहेली, रुदाली।
11) अपनी भाषा
नीचे लिखे वाक्यों को अपने ढंग से सार्थक रूप में तुम जिस तरह भी लिख सकते हो वैसे लिखो।
क) उसने बादलों को जी भर निहारा।
उ: जी भर उसने बादलों को निहारा।
ख) वर्षा की कोई आशा नहीं बँध रही थी।
उ: वर्षा की कोई आशा ही नहीं थी।
ग) गोमा ने फिर हिम्मत बटोरी।
उ: गोमा ने फिर हिम्मत की।
घ) उसने घर की राह पकड़ ली।
उ: उसने घर की राह ली।
ड) वर्षा बरसाना तुम्हारे हाथ में नहीं है।
उ: वर्षा का होना तुम्हारे हाथ में नहीं है।
12) बहुमूल्य सामान
खेती से प्राप्त होने वाले बहुमूल्य सामानों की सूची बनाओ और उस सूची में से जो सामान तुम्हारे प्रदेश की खेती से प्राप्त होता है उसका भी अलग से उल्लेख करो।
उ: खेती से प्राप्त होने वाले बहुमूल्य समान है- अनाज, दालें, तिलहन आदि।
मेरा प्रदेश गोवा है। यहाँ मुख्य तौर से चावल की खेती होती है। इसके अतिरिक्त दालें, रागी, नारियल, काजू, सुपारी, आम, केले तथा गन्ने की भी खेती होती है।