प्रश्न

भाशे ज्ञानः

चालीक लावप – वापरांत हाडप

अ) सकयल दिल्ल्या दरेका प्रस्नांच्यो जापो एका एका वाक्यांत बरयातः

1. रहिमाक बापायन कित्याक लागून चीट बरयली?

जापः रहीम रावता त्या वाठारांतले नितळसाणीचेर उपाय घेवपाक भलायकी केंद्राक बाबान चीट बरोवची म्हूण रहिमान बापायक चीट बरयली.

2. नितळसाणीचेर उपाय घेवपाक रहिमान कोणाक चीट बरोवंक जाय आशिल्ली?

जापः नितळसाणीचेर उपाय घेवपाक रहिमान गांवच्या भलायची केंद्रांक चीट बरोवंक जाय आशिल्ली.

3. रहीमाच्या बापायक कित्याक लागून घरी येंवक मेळना?

जापः रहीमाचो बापूय सुटी घेवन पयरूच घरा येवन कामार गेल्ल्यान ताका रोखडोच परतो घरा येंवक मेळना.

) सकयल दिल्ल्या दरेका प्रस्नाची जाप चार पांच वाक्यांनी बरयातः

1. मलेरिया दुयेंस पातळपाचीं कारणां कितें?

जापः बांदकाम चालू आशिल्ल्या सुवातांनी उदक सांठप, मातयेंत पडिल्ले टायरांचे टयूब, नाल्ल्यो, हातूंत उदक सांठून उरप, घरां वयल्यो उदकाच्यो टांकयो निवळ करिनत अशें केल्ल्यान एनोफेलीस जळारांचो चड फैलांव जाता आनी हीं जळारां मनशाक चावतकच मलेरिया जाता.

2. मलेरिया दुयेंस जावचें न्हय म्हूण आमी कसले उपाय घेवंक जाय?

जापः मलेरिया दुयेंस जावचें न्हय म्हूण आमी नितळसाण राखप चड गरजेचें मलेरियेचीं जळारां निवळ उदकांत तांतयां घालतात. उदक धांपून दवरप, उदक सांठूंक दिवप ना आनी आमचें भोंवतणचो वाठार नितळ दवरप अशें केल्ल्यान मलेरिया बंदी येतली.

3. रहीमाच्या वाडयार कशें तरेन नितळसाणी कडेन आडनदर जाल्ली?

जापः रहीमाच्या वाडयार हळशीक वाडिल्ली. वचत थंय रेब्याकोंडां जाल्लीं. बांदकाम चलतल्या सुवातांचेर सांठवल्ल्या उदक कोंडांनी जळारां जाल्ली. वाडयार नितळसाणी राखूंक नाशिल्ली.

व्याकरणः

अ) सकयल दिल्ल्या उतरांनी उरफाटया अर्थाचीं उतरां बरयातः

1. जाप                      2. सुशिक्षीत                   3. उणो                   4. सभागी                     5. वायट

6. धाडशीउपाय        7. सुवार्थी                       8. नितळ                 9.  जाणटे                   10. उपेग

11.सवाय                  12. भायर                       13. हांसरो                14. शिस्त                     15. न्याय

16.धर्म                      17. उजवाड                  18. सुपीक                19. रात                        20. मान

21.स्वदेश                 22. शस्त्र                      23. स्वतंत्र                 24. उपाय

जापः

1. जाप × प्रस्न                           2. सवाय × म्हारग                     3. सुशिक्षीत × अशिक्षीत              4. जाणटे ×  नेणटें

5. नितळ × बुरशें                     6. सुवार्थी × निसुवार्थी                7. उपाय ×  निरुउपाय                  8. उणो × चड

9. सभागी × असभागी             10. वायट × बरें                         11. धाडशी × बिवकुरो                  12. भायर ×  भितर

13. हांसरो ×  रडकुळें             14. शिस्त × बेशिस्त                    15.  न्याय × अन्याय                     16. धर्म  ×  अधर्म

17.  उजवाड × काळोख         18.   सुपीक × नापीक                 19. रात ×  दिस                        20.  मान  × अपमान

21. स्वदेश × परदेश               22. शस्त्र × निशस्त्र                     23.   स्वतंत्र × परतंत्र                   24.   उपाय × निरुपाय

) वाचातः

1. (तो) बापूय – पुरुशलिंग नाम

2. (ती) आवय  – स्त्रींलिंग नाम

3. (तें) भुरगें – नपुंसकलिंग नाम

नामां तीन लिगांनी आसपावतातः

1. पुरुशलिंग

2. स्त्रींलिंग

3. नपुंसकलिंग

) सकयल दिल्लीं उतरां फाव त्या ख्रणांनी बरयातः

टॅक्सी, नोट, भाडें, प्रवाशी, मोड, बोल्स, गणीत, शाळा, भावोजी, रेल्वे – स्टेशन, पुलीस, अभ्यास, कविता, काणी, व्यायाम, पद, नाच, नाटक.

जापः

             पुरुशलिंग

पाद्री

               स्त्रींलिंग

टॅक्सी

      नपुंसकलिंग

भाडें

             भावोजी                नोट             बोल्स
             माड               मोड             गणीत
            अभ्यास            शाळा          रेल्वे – स्टेशन
             व्यायाम              कविता                 पद
               नाच               काणी               नाटक

अभ्यासः

1. नळांनी धोंस उदक आयिल्ल्यान उदकाक लागून हाल जातात. ते खातीर उदका – पुरवण खात्याक अर्जी बरयात.

जापः  राजेश देसाय

शातीनगर पाडो

बायणा

ता. 24 अगस्त 2001

कार्यकारी अभिनय

उदका पुरवण खातें

फोंडें

विशयः नळानी धोंस उदकाक लागून लोकांचे हाल

भोमानेस्त

नमस्कार

हांव फोंडें म्हालांतल्या बायणा गांवांत रावता. हालींसरा आमच्या नळाक सदांच धोंस उदक आयिल्ल्यान उदकाक लागून आमचे हाल जातात ते गजाली कडेन हांव तुमची नदर ओडूंक ताचेर मातशें पवपाक सागता.

आमच्या गांवांत उदकाची पुरवण नेमान जाता. पूण फाटल्या धा दिसां सावन सदांच नळाक म्हेळें उदक येता जें मात लेगीत निवळ ना त्या उदकाचो आमकां लोकांक उपेग

जायना. ते खातीर पियेवपाच्या उदकाचे हांगा हाल जातात. बांयो सुकिल्ल्यान बरेंच पयस बायलांक उदकाचे सोदाक वच्चें पडटा. उदक ही मनशाची मुळावी गरज नळाक येवपी उदकाचो निरउपयोग जाता. मे म्हयन्यात कितले हाल जातलें हें येवजून लोक निरशेल्यात.

देखून ह्या वाठारांतल्या लोंकांक निवळ उदाकाची पुरवण जावची अशी उपाग तुमी काडपी अशी ह्या गांवच्या लोकांचे वतीन हांव तुमचे कडेन मागणी करतां.

बरें मागून

तुमचो विस्वासू

राजेश देसाय

सकयल दिल्लीं वाक्यां क्रमवार बरयातः

1. तीं पानां कुसून थंय रेबो आनी हळशीक जाली.

2. थोडयाक लोकांक मलेरिया लेगीत जालो.

3. सगल्या लोकानी पानां, कागदां, सांठवल्या उदकांत उडयली.

4. ताकालागून वचत थंय जळारांचो फैलान जालो.