अभ्यास प्रश्न

प्र) निम्नलिखित शब्द युग्मों का वाक्यों में प्रयोग करो ।

1) मजाक-मजाक  :  मजाक-मजाक में बात बिगड़ गई ।

2) हाड़-मांस  :  मनुष्य हाड़-मांस का बना होता है ।

3) बच्चा-बच्चा : देश का बच्चा-बच्चा महात्मा गाँधी को जानता है।

प्र) निम्नलिखित मुहावरों का अर्थ बताकर वाक्यों में प्रयोग करो ।

1) दर्जा हासिल करना – ओहदा मिलना
  – शिवाजी को छत्रपति का दर्जा हासिल हुआ ।

2) मार्गदर्शन करना – रास्ता दिखाना
 – हमारे गुरुजन हमारा मार्गदर्शन करते हैं ।

3) दामन बेदाग रहना – कोई कलंक ना रहना
 – वर्षों की सरकारी नौकरी में मिश्राजी का दामन बेदाग रहा ।

4) ठुकरा देना – इंकार कर देना
 – राजन ने रिश्वत में लाखों रुपयों का प्रस्ताव ठुकरा दिया था ।

5) उत्तरदायित्व – जिम्मेदारी पूरी करना
 – बच्चों को अपने माँ-बाप के प्रति उत्तरदायित्व को पूरा करना चाहिए न कि उन्हें वृद्ध आश्रम भेजना चाहिए।

अभ्यास प्रश्न

क) निम्नलिखित गद्य खंड ओ को ध्यानपूर्वक पढ़कर उनके नीचे दिए गए प्रश्नों के उत्तर लिखिए।

 अ) उनकी माँ रजनी बीमा कंपनी में अधिकारी थी । पिता रमेश तेंदुलकर अध्यापक होने के साथ-साथ मराठी के साहित्यकार भी थे। पिता ने अपने पसंदीदा संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर ही अपने सबसे छोटे पुत्र का नाम सचिन रखा था।

प्रश्न – 1) यह गद्य-खंड किस पाठ से लिया गया है ?
           उ: यह गद्य-खंड शतकों का शहंशाह सचिन तेंडुलकर पाठ से लिया गया है ।

2) इस पाठ के लेखक का क्या नाम है ?
: इस पाठ के लेखक का नाम सुंदर चंद ठाकुर है।

3)  सचिन की माँ कहाँ काम करती थी ?
: सचिन की माँ रजनी बीमा कंपनी में अधिकारी थी ।

4) सचिन के पिता किस रूप में जाने जाते थे ?
उ: सचिन के पिता रमेश तेंडुलकर अध्यापक एवं मराठी के साहित्यकार थे ।

5) पिता ने सचिन का नाम सचिन क्यों रखा ?
उ: सचिन के पिता ने अपने छोटे बेटे का नाम अपने पसंदीदा संगीतकार सचिन देव बर्मन के नाम पर रखा।

आ) लाहौर पहुँचने पर बड़ी गर्मजोशी से टीम का स्वागत किया गया । अभी किसी ने मजाक- मजाक में कहा, “अरे! यहाँ इस बच्चे का क्या काम है ?” इसी तथाकथित बच्चे ने पाकिस्तान के धुरंधर समझे जानेवाले गेंदबाजों की ऐसी धुनाई की कि गेंदबाज कादिर अनायास ही कह उठा, “इसे बच्चा मत समझना, यह तो जीनियस है । अगले मैच से पहले पाकिस्तानी टीम को यह चेतावनी दे दी गई – “सावधान मैदान पर शेर दहाड़ रहा है ।”

प्रश्न – 1) यह गद्य-खंड किस पाठ से लिया गया है ?
           उ: यह गद्य-खंड शतकों का शहंशाह सचिन तेंडुलकर पाठ से लिया गया है ।

2) इस पाठ के लेखक का क्या नाम है ?
उ: इस पाठ के लेखक का नाम सुंदर चंद ठाकुर है।

3) लाहौर पहुँचने पर लोगों ने सचिन पर क्या मजाक किया ?
उ: लाहौर पहुँचने पर लोगों ने सचिन पर मजाक करते हुए कहा कि अरे यहाँ इस बच्चे का क्या काम ।

4) सचिन का खेल देखकर कादिर ने क्या कहा ?
उ: सचिन का खेल देखकर कादिर ने कहा “इसे बच्चा मत समझना यह तो जीनियस है ।”

5) पाकिस्तानी क्रिकेट टीम को किस तरह की चेतावनी दी गई ?
उ: पाकिस्तानी टीम को सचिन के बारे में चेतावनी दी गई कि ‘सावधान मैदान पर शेर दहाड़ रहा है।’

ख) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 10-15 शब्दों में लिखिए ।

1) ‘अल्बर्ट आइंस्टीन’ ने गाँधीजी के बारे में क्या कहा था ?
उ: ‘अल्बर्ट आइंस्टीन’ ने गाँधीजी के बारे में कहा था, “शायद आनेवाली पीढ़ी को यह विश्वास करना भी कठिन हो जाएगा कि हाड़-माँस का बना हुआ एक ऐसा इंसान कभी इस धरती पर पैदा हुआ था।

2) “सिर्फ सचिन है जो मेरी तरह खेलते हैं ।” ऐसा किसने कहा था ?
उ: “सिर्फ सचिन ही है जो मेरी तरह खेलते हैं” ऐसा दुनिया के महानतम क्रिकेटर डॉन ब्रैडमैन ने कहा था ।

3) सचिन का जन्म कब और कहाँ हुआ ?
उ: सचिन का जन्म मुंबई की एक संभ्रांत महाराष्ट्रीयन परिवार में 24 अप्रैल 1973 को हुआ ।

4) विनोद कांबली के साथ मिलकर सचिन ने कितने रनों की साझेदारी की थी ?
उ: विनोद कांबली के साथ मिलकर सचिन ने 664 रनों की साझेदारी की थी ।

5) सचिन के क्रिकेट गुरु कौन थे ?
उ: सचिन के क्रिकेट गुरु रमाकांत आचरेकर जी थे।

6) शेन वार्न के सपने में भी उन्हें सचिन क्यों दिखाई देने लगे थे ?
: सचिन ने दुनिया के सबसे खतरनाक ‘लेग-स्पिनर’ शेन वार्न की इतनी पिटाई की कि उन्हें सचिन सपने में भी दिखाई देने लगे।

7) सचिन किन लोगों के लिए मसीहा हैं ?
: सचिन अनाथ, बेसहारा तथा कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए मसीहा हैं ।

ग) निम्नलिखित प्रत्येक प्रश्न का उत्तर 40-50 शब्दों में लिखिए ।

1) कादिर ने सचिन को जीनियस क्यों कहा ?
उ: सन 1989 में पाकिस्तान दौरे पर गई टीम में सचिन को शामिल किया गया था । वहाँ सचिन जैसे तथाकथित बच्चे ने पाकिस्तान के धुरंधर समझे जानेवाले गेंदबाजों की ऐसी धुनाई की कि गेंदबाज कादिर अनायास ही कह उठा, “इसे बच्चा मत समझना, यह तो जीनियस है।” शायद कादिर को सचिन की प्रतिभा का पूर्वाभास हो गया था ।

2) सचिन के परिवार के बारे में आप क्या जानते हैं ?
उ: सचिन का जन्म मुंबई के एक संभ्रांत महाराष्ट्रीयन परिवार में 24 अप्रैल 1973 को हुआ था। उनकी माँ रजनी बीमा कंपनी में अधिकारी थी । पिता रमेश तेंडुलकर अध्यापक होने के साथ मराठी के साहित्यकार भी थे। सचिन के पिता को संगीतकार सचिन देव बर्मन पसंद थे इसलिए उन्होंने अपने छोटे बेटे का नाम सचिन रखा।

3) सचिन के किस जज्बे के आगे उनके प्रशंसक हमेशा नतमस्तक रहे हैं ?
उ: 1999 के वर्ल्ड कप के दौरान पिता के निधन के बावजूद सचिन ने लौटकर शतक जमाया और अपने स्वर्गीय पिता को श्रद्धांजलि दी। सन 2009 में इंग्लैंड के खिलाफ चौथी पारी में शतक लगाकर सचिन ने टीम को जिताया और अपना यह शतक 26/11 को मुंबई में हुए आतंकी हमले के शहीदों के नाम कर दिया। सचिन के ऐसे ही जज्बे के आगे उनके प्रशंसक हमेशा नतमस्तक रहे हैं।

4) वर्ल्ड कप जीतने की सचिन की तमन्ना किस प्रकार पूरी हुई ?
उ: 1983 में भारतीय टीम ने वर्ल्ड कप जीता, तब सचिन 10 वर्ष के थे । तब उनके दिल के कोने में एक इच्छा ने जन्म लिया कि वे भी विश्व विजेता क्रिकेट टीम के एक सदस्य बने। दृढ़ परिश्रम और आत्मविश्वास के बल पर सचिन ने अपनी इच्छा को सन 2011 में मूर्रूप दे दिया। मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में भारतीय टीम विश्व विजेता बनी । इसी तरह वर्ल्ड कप जीतने की सचिन की तमन्ना पूरी हुई।

5) सचिन ने अपना सामाजिक उत्तरदायित्व कैसे निभाया है ?
उ:सचिन ने अपना सामाजिक उत्तरदायित्व बड़ी खूबी से निभाया है।अनाथ, बेसहारा तथा कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए तो सचिन साक्षात मसीहा हैं।उन्होंने’अपनालय’ नामक गैर सरकारी संगठन के करीब 200 बच्चों की परवरिश की जिम्मेदारी ली और आज भी इसे निभा रहे हैं ।

6) सचिन के व्यक्तित्व की क्या विशेषताएँ हैं ?
उ: सचिन क्रिकेट के भगवान तथा महानतम खिलाड़ी के अलावा एक मृदुभाषी, शांत स्वभाव के इंसान हैं । वे वरिष्ठ खिलाड़ियों की इज्जत करते हैं और जूनियर खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हैं। मान-सम्मान, प्रतिष्ठा और धन उन्होंने अपनी लगन, मेहनत और आत्मविश्वास से कमाया है । क्रिकेट को ही वे अपना जीवन मानते हैं । साथ ही साथ वे धार्मिक वृत्ति के भी हैं । वे रोज मंदिर में जाना पसंद करते हैं । अनाथ, बेसहारा और कैंसर पीड़ित बच्चों के लिए तो सचिन साक्षात मसीहा हैं । देश की नौजवान पीढ़ी के वे हीरो हैं और बच्चों के आदर्श । अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैचों में 33000 से अधिक रन बनाने के बाद भी कभी हार न मानने वाले और खेलों की दुनिया में निरंतर नए-नए कीर्तिमान स्थापित करनेवाले सचिन आज भी सफलता की ऊँचाइयों को छूते चले जा रहे हैं। वे विश्व के अद्वितीय खिलाड़ी हैं । उन्हें अनेक पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है । भारत में क्रिकेट के मसीहा के रूप में पहचाने जानेवाले वह महानतम खिलाड़ी हैं।